7th Pay Commission: digi desk/BHN/नई दिल्ली/ केंद्र सरकार अपने कर्मचारियों को कई तरह के भत्ते देती है और इसमें एक महत्वपूर्ण बाल शिक्षा भत्ता (CEA) भी शामिल है। ऐसे में जो केंद्रीय कर्मचारी कोरोना महामारी के कारण बाल शिक्षा भत्ता का दावा पेश नहीं कर सके हैं, उन्हें 31 मार्च से पहले बाल शिक्षा भत्ता की राशि का दावा कर सकते हैं। गौरतलब है कि 7th Pay Commission की सिफारिशों के अनुसार केंद्रीय कर्मचारियों को हर महीने 2 बच्चों के लिए 4500 रुपए बच्चों के भत्ते के रूप में मिलता है, लेकिन कई कर्मचारियों द्वारा यह दावा कोरोना महामारी के चलते स्कूल बंद होने के कारण नहीं किया जा सका है। ऐसे में केंद्र सरकार ने ऐसे कर्मचारियों को 31 मार्च तक का आखिरी मौका दिया है।
7th Pay Commission: केंद्रीय कर्मचारी 31 मार्च से पहले कर लें ये काम नहीं तो कट जाएगा वेतन..!
कर्मचारियों को बीते साल भी मिली थी राहत
गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने बीते साल भी बाल शिक्षा भत्ता (सीईए) के दावे को स्व-प्रमाणित करने का अवसर दिया था। केंद्र सरकार के इस फैसले से करीब 50 लाख केंद्रीय कर्मचारियों को राहत मिली थी। कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) ने इस संबंध में एक कार्यालय ज्ञापन भी जारी किया था।
बाल शिक्षा भत्ते को लेकर पहले ये था नियम
गौरतलब है कि इससे पहले कर्मचारियों को बच्चों के शिक्षा भत्ते का दावा करने के लिए स्कूल प्रमाण पत्र और सहायक दस्तावेज जमा करने होते थे। साथ ही बच्चे का रिपोर्ट कार्ड, सेल्फ अटेस्टेड कॉपी और फीस रसीद जैसे कई अन्य दस्तावेज जमा करने होते थे। बाल शिक्षा भत्ते का दावा करने के लिए कर्मचारियों को इस सभी दस्तावेजों को जमा करने के जरूरी था। अब संबंधित कर्मचारियों से स्व-प्रमाणन और निर्धारित विधियों के अलावा, परिणाम / रिपोर्ट कार्ड / शुल्क भुगतान का दावा ई-मेल / एसएमएस के प्रिंटआउट के माध्यम से किया जा सकता है।
केंद्र से मिलता है 2,250 रुपए प्रति बच्चा भत्ता
केंद्रीय कर्मचारियों को दो बच्चों की शिक्षा पर भत्ता मिलता है, जो 2250 रुपए प्रति बच्चा है। दो बच्चों पर कर्मचारियों को वेतन में जोड़कर हर महीने 4500 रुपए मिलते हैं। यदि कर्मचारियों ने अभी तक मार्च 2020 से मार्च 2021 तक के शैक्षणिक सत्र का दावा नहीं किया है, तो वे 31 मार्च से पहले ऐसा कर सकते हैं।