Iskcon temple attacked in bangladesh many devotees injured during vandalism and looting: digi desk/BHN/नई दिल्ली/ बांग्लादेश में एक बार फिर हिंदू मंदिर को निशाना बनाया गया है। इस्लामी चरमपंथी हाजी शफीउल्ला के नेतृत्व में 200 से ज्यादा लोगों ने ढाका के वारी इलाके में स्थित इस्कान मंदिर पर हमला किया और उसे तहस-नहस कर दिया। हमलावरों ने कई मूर्तियों को खंडित कर दिया, कई मूर्तियां अपने साथ लेते गए, मंदिर में जमकर लूटपाट की और कई श्रद्धालुओं को घायल भी कर दिया। भारतीय उच्चायोग स्थानीय प्रशासन के साथ ही हिंदू संगठनों और अधिकारियों के संपर्क में है।
इस्कान मंदिर के जनसंपर्क अधिकारी (पीआरओ) अमनी कृष्ण दास ने एएनआइ से कहा, “वारी में 222, लाल मोहन साह स्ट्रीट स्थित इस्कान राधाकांत जीव मंदिर पर हाजी शफीउल्ला के नेतृत्व में 200 से ज्यादा कट्टरपंथियों ने हमला किया, तोड़फोड़ और लूटपाट की। हमलावर कई मूर्तियां भी उठा ले गए। हमलावरों ने मंदिर की सुरक्षा दीवार को भी तोड़ने का प्रयास किया।”
दास ने बताया कि यह हमला 17 मार्च की रात आठ बजे किया गया। हमलावर सुमंत्र चंद्र श्रवण, निहार हलदर और राजीव भद्रम को उठा ले गए थे और उन्हें बुरी तरह मारापीटा। बाद में पुलिस की मदद से उन्हें मुक्त कराया गया। हमले में अन्य कई अन्य श्रद्धालु घायल हुए हैं। सभी को ढाका मेडिकल कालेज अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
लंबे समय से धमका रहा था शफीउल्ला
हमले के चश्मदीद रासमणि केशवदास ने बताया कि शफीउल्ला कई वर्षों से धमका रहा था और मंदिर छोड़ने के लिए कह रहा था। दास ने कहा कि शफीउल्ला ने पैसे देने की बात भी कही थी। उसके सहयोगी इशरफ सूफी ने जान से मारने की धमकी दी थी। दास ने कहा कि पुलिस के सामने भी कट्टरपंथी हमला करते रहे। इस मामले में कोई गिरफ्तारी भी नहीं हुई है।
मंदिर की जमीन को लेकर विवाद
बांग्लादेश के अधिकारियों के मुताबिक इस्कान मंदिर की जमीन को लेकर विवाद इस हमले की वजह है। हाल ही में अदालत ने एक वादी के पक्ष में फैसला सुनाया था। इसके बाद उसने जबरन मंदिर की जमीन पर कब्जा करने की कोशिश की थी। स्थानीय प्रशासन के हस्तक्षेप के बाद मामले को शांत कराया गया था। दोनों तरफ से केस दर्ज कराया गया है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
पिछले साल भी हिंदू मंदिरों को बनाया गया था निशाना
बांग्लादेश में हिंदू मंदिरों पर हमले की यह कोई पहली घटना नहीं है। अक्सर कट्टरपंथी मुस्लिम हिदुओं और हिंदू मंदिरों को निशाना बनाते रहते हैं। पिछले साल 16 अक्टूबर में नोआखली में एक इस्कान मंदिर पर हमला किया गया था और तोड़फोड़ की गई थी। इससे तीन दिन पहले यानी 13 अक्टूबर को कुमिल्ला में एक दुर्गा पूजा पंडाल में कुरान का अपमान करने की अफवाह फैलाकर तोड़फोड़ की गई थी। इस घटना को लेकर कई जिलों में हिसा भड़क उठी थी। कई जगहों पर हिदुओं के घरों में लूटपाट भी की गई थी। कई लोगों को बुरी तरह से मारा पीटा भी गया था। यह सब खुलेआम हुआ और पुलिस मूकदर्शक बनी रही।