Coronavirus Symptoms: नई दिल्ली/ देश में कोरोना संक्रमण तेजी से फैल रहा है और कई लोग इससे ठीक भी हो रहे हैं, लेकिन यदि आपको भी कोरोना संक्रमण हो गया है तो यह जरूर जान लें कि इस बीमारी में पांचवा और 10वां दिन लक्षणों के लिहाज से बेहद खास होता है। कोविड-19 बीमारी को लक्षणों के आधार पर ही प्रारंभिक स्तर पर पहचाना जाता है और उसके बाद रेपिड टेस्ट या आरटीपीसीआर टेस्ट कराया जाता है।
जब कोई व्यक्ति कोरोना संक्रमित होता है तो सबसे पहले अपने लक्षणों को ट्रैक करना चाहिए और कितने दिनों से वे लक्षणों का अनुभव कर रहे हैं। डॉक्टरों के मुताबिक अधिकतर मरीजों में वायरस के शरीर के अंदर घुसने के 2-3 दिनों बाद लक्षण विकसित करना शुरू करते हैं। संक्रमण का सबसे पहला हिस्सा होता है वायरल रिएक्शन और इसलिए बाद अधिकतर लोग बुखार या हरारत का अनुभव करते हैं। इस दौरान हमारे शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली दूसरे चरण में अपना काम शुरू करती है। साथ ही हमारा इम्यून सिस्टम संक्रमण को जड़ से खत्म करने के लिए एंटीबॉडी का उत्पादन करती है।
लेकिन कुछ मरीजों में हमारा इम्युन सिस्टम कमजोर पड़ जाता है और बीमारी के बिगड़ने का कारण बन जाता है, जो 6 या 7 दिन से शुरू हो सकता है। यही वह समय है जब कई लोगों के लिए वास्तव में कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई शुरू होती है। डॉक्टरों के मुताबिक मरीज के संक्रमित होने के बाद यह स्थिति आमतौर पर 5वें से 10वें दिन के बीच होती है। जब अधिकतर लोग संक्रमण के लक्षणों की ‘दूसरी लहर’ से जूझते हैं। ये कई मायनों में गंभीर भी हो सकती है।
7 से 10 दिन में ठीक हो जाता है मरीज
जो लोग कोरोना संक्रमित हुए हैं, उनमें से अधिकतर लोगों में संक्रमण के लक्षण खत्म होने में 7 से 10 दिनों का समय लगता है और उसके बाद ही वह ठीक होना शुरू होते हैं। यह आमतौर पर ऐसे मरीजों के साथ होता है, जिन्हें हल्के से मध्यम रूप का संक्रमण है। वहीं जिन लोगों में गंभीर संक्रमण से जूझते हैं, वे 5वें से 10वें दिन तक संक्रमण से जुड़ी असली दिक्कतों का सामना करते हैं। इन दिनों में बीमारी के शुरुआती दिनों से बेहद अलग महसूस होता है। डॉक्टरों के मुताबिक कई मरीज लक्षणों के कम होने पर बेहतर महसूस करते हैं। यही सबसे बड़ी स्वास्थ्य को लेकर चूक होती है क्योंकि कुछ दिन बाद ही फिर उन्हें लक्षणों की दूसरी लहर से जूझना पड़ता है।
गंभीर संक्रमित हैं तो सात दिन बाद आती है ये परेशानी
जो लोग कोविड-19 संक्रमण से गुजरते हैं, उनके मुताबिक बदन में दर्द, थकान, थकावट और खांसी जैसे लक्षण लंबे समय तक बने रह सकते हैं, जबकि ऐसे मरीजों को सांस की तकलीफ, छाती में दर्द, भारीपन जैसे गंभीर सांस के लक्षण बिगड़ भी सकते हैं। भ्रम, फोकस करने में दिक्कत और बेहोशी जैसे मानसिक गिरावट के लक्षण भी मौजूद हो सकते हैं।
हाइपोक्सिया के प्रति रहे सजग
कोरोना संक्रमित मरीजों में हाइपोक्सिया एक ऐसी गंभीर स्थिति, जब खून में ऑक्सीजन का स्तर कम हो जाता है और इसते ज्यादा नीचे जाने पर खतरनाक स्थिति हो सकती है। इसलिए ऑक्सीमीटर के जरिए कोरोना संक्रमित मरीज के शरीर में ऑक्सीजन लेवल व पल्स रेट का निरंतर ध्यान रखना चाहिए। इसके साथ ही कोरोना संक्रमित मरीजों में बुखार भी एक चिंता का कारण बना रहता है। इन्हें बुखार तो हल्का आता है लेकिन अगर बुखार 9 या 10 दिन बाद भी नहीं उतरता, तो निमोनिया या रक्त संक्रमण में बदल सकता है।