पन्ना,सतना, भास्कर हिंदी न्यूज़/ पन्ना टाइगर रिजर्व में हुए पक्षी सर्वेक्षण में 247 प्रजातियों के पक्षी मिले, जिनमें से 21 प्रजातियों आइयुसीएन की संकटग्रस्त प्रजातियों की सूची में शामिल है। साथ ही मध्य प्रदेश में पाए जाने वाले सभी 7 प्रजातियों के गिद्ध अच्छी संख्या में पाए गए। इनके अलावा कुछ दुर्लभ प्रजातियों के पक्षी भी मिले हैं जिनमें व्हाइट-टेल्ड आयोरा, मार्शल आयोरा, ओरिएण्टल पाइड-हार्नबिल, स्ट्राइटेड ग्रासबर्ड, टाइटलर्स लीफ वार्बलर, ब्लैक-विंगड कुक्कूश्राइक, ब्लैक-नेक्ड स्टार्क आदि शामिल हैं।
दुर्लभ प्रजाति के स्ट्राइटेड ग्रासबर्ड दिखे
व्हाइट टेल्ड आयोरा का मध्य प्रदेश से ईबर्ड पर यह पहला रिकार्ड है। ओरिएण्टल पाइड हार्नबिल पक्षी का भी मध्य प्रदेश में सिर्फ पन्ना से ही रिकार्ड है। स्ट्राइटेड ग्रासबर्ड जो बहुत दुर्लभ है, यहां केन नदी के अलग-अलग हिस्सों में अच्छी संख्या में देखी गई। जिससे यह पता चलता है की यह नदी का पर्यावरण इनके लिए कितना अनुकूल है।
गिद्धों की अच्छी संख्या
पीटीआर में गिद्धों की अच्छी संख्या और संरक्षण के लिए पूरे देश में एक विशिष्ट स्थान रखता है। गिद्धों के सफल सर्वेक्षणों के पश्चात पार्क में पाए जाने वाले पक्षियों के बारे में और अधिक जानने के लिए पन्ना टाइगर रिजर्व द्वारा पहला पक्षी सर्वेक्षण चार मार्च से लेकर छह मार्च तक आयोजित किया गया। यह सर्वेक्षण मुख्य वन्यप्राणी अभिरक्षक मप्र के मार्गदर्शन एवं मप्र जैव विविधता बोर्ड के सहयोग से सफलतापूर्वक सम्पन्न हुआ।
60 बर्डवाचर्स का चुनाव कर 28 टीमें बनाई गई थी
इस सर्वेक्षण में भाग लेने के लिए देश के 22 राज्यों और केंद्र शाषित प्रदेशों से लगभग 450 आवेदन प्राप्त हुए थे। जिसमे से 60 बर्डवाचर्स का चुनाव कर 28 टीमें बनाई गई। प्रत्येक टीम के साथ पार्क गाइड भी थे। पार्क प्रबंधन द्वारा इन सभी गाइडों को दूरबीन और पक्षी पुस्तक भेंट कर इनका मनोबल बढ़ाया गया। टीमों ने पन्ना टाइगर रिजर्व की सभी रेंजो के अलग-अलग कैम्पों में रहकर वन क्षेत्र झाड़-झंखाड़ वाले क्षेत्र, घास के मैदान, नदी इत्यादि विभिन्न प्रकार के आवास स्थलों में पाए जाने वाले पक्षियों को डॉक्यूमेंट किया। यह सर्वेक्षण में पक्षियों का डाक्यूमेंटेशन ईबर्ड एप पर किया गया।
PTR में पक्षियों को अनुकूल आवास
उत्तरी मध्य प्रदेश में विध्य पहाड़ियों में स्थित पन्ना टाइगर रिजर्व को यूनेस्को के वर्ल्ड नेटवर्क आफ बायोस्फीयर रिजर्व में शामिल किया गया है। लगभग 1600 वर्ग किमी. में फैले हुए इस रिजर्व में व्यापक पठारों, घाटियों और घास के मैदानों के साथ साथ पार्क से होकर बहने वाली केन नदी है जो विभिन्न प्रकार के पक्षियों को अनुकूल आवास स्थल प्रदान करते हैं।