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विशेष सम्पादकीय: रंगों के उल्लास में शब्दों की ‘मर्यादा’ जरूर याद रखें

फागुन की हवाएं हमारे जीवन की सारी वर्जनाएं खत्म करने का संदेश लिए हुए आती है। होली की मस्ती बोल-चाल से लेकर रिश्ते-नातों तक हर क्षेत्र में मर्यादा की सीमाओं पर कुछ समय के लिए धुंध की चादर डाल देती है, लेकिन इससे मर्यादाएं खत्म नहीं होतीं। साल के बाकी दिनों

                      ऋषि पंडित
                   (प्रधान संपादक)

के लिए वे और भी चमकीली और भी स्निग्ध हो जाती हैं। जो शब्द साल के बाकी दिनों में किसी को लंपट, नालायक और छिछोरा बना सकते हैं, होली के माहौल में वे स्वस्थ मनोरंजन का जरिया बने दिखते हैं। यह इसी त्योहार की खासियत है कि बड़ा-छोटा, अमीर-गरीब की तमाम दीवारें ढह जाती हैं। कपड़ों और चेहरों पर तरह-तरह के रंग पोते सड़कों पर निकले लोगों में कौन किस दफ्तर में किस कुर्सी पर बैठा करता है, न तो इसका हिसाब लगाना संभव होता है, न ही कोई इसकी चिंता करता है। मगर, इन सारी हरकतों का मकसद समूह में रहते हुए अधिक से अधिक आजादी और आनंद का अनुभव करना ही होता है।

देश में कई घटनाएं ऐसी हो जाती हैं जो हमारे सभ्य समाज के उजले दामन में दाग लगा ही जाती हैं। हम सभी को ऐसे लोगों से सतर्क रहना चाहिए जो इस तरह की घटनाओं को अंजाम देकर सरे समाज को दूषित करने का काम करते हैं। बीते तीन साल से कोरोना महामारी की दहशत में हमारे परंपरागत त्योहारों का रंग कदाचित फीका पड़ गया था पर इस बार ये सारी वर्जनाएं हमारे हौसलों के आगे घुटने टेक चुकी हैं। इसलिए इस बार होली की हुड़दंग और एवं उल्लास के आसमान पर रंग बिरंगे रंग-गुलाल की छटा पुरजोर बिखरेगी, नीला आसमान अलग अलग टुकड़ों में भले ही लाल, पीला, गुलाबी व हरे रंग में रंगा नजर आएगा पर इन सबका संदेश सिर्फ एक ही होगा कि हमारे भारत देश को रंग-बिरंगों के बीच पल्ल्वित और पुष्पित सौहार्द्र और एकता को कोई भी छिन्न-भिन्न नहीं कर सकता।

हमें अच्छा मनुष्य और हमारे समाज को अच्छा समाज बनाए रखने के लिए जो वर्जनाएं जरूरी मानी गई हैं, उनके पार जाने का रोमांच महसूस कर लेने के बाद उन सीमाओं के इस तरफ वापस लौट आने का दम भी हमारे भीतर होना चाहिए। यह तभी होगा जब वर्जनाएं पार करते हुए भी हम एक-दूसरे के प्रति स्नेह और सम्मान का भाव बनाए रखें, लेकिन दुर्भाग्यवश इसी मोर्चे पर हमसे लगातार चूक हो रही है।  अच्छा होगा कि यह होली हम कुछ ऐसी धज में मनाएं, जिसे याद करके अगले दिन हमारे इर्द-गिर्द मुस्कुराहट फैली रहे, कोई पछतावा, कोई कसैलापन न दिखे।

आप सभी को “भास्कर हिंदी न्यूज़ परिवार” की ओर से होली के पावन पर्व की अनंत शुभकामनाएं

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