happy holi, after a long time the colors of gaiety will bloom on the faces free from restrictions for the first-time after the spread of corona there will be excitement in holi: digi desk/BHN/नई दिल्ली/साल 2020, अचानक ही कोरोना महामारी ने पैर पसारे और स्वतंत्र जीवन बंदिशों का कैदी बन गया। लाकडाउन, नाइट कर्फ्यू, शादी-समारोहों में न्यूनतम उपस्थिति जैसी पाबंदियों का सिलसिला लंबा चला। उत्साह, उल्लास और उमंग के रंगों से भरा होली का पर्व भी घर की चहारदीवारी में सिमट गया। अब तस्वीर बदली है। कोरोना को लेकर लगाई गई पाबंदियां अधिकांश राज्यों में पूरी तरह से समाप्त कर दी गई हैं।
रंगोत्सव में पुराने रंग बिखेरने की तैयारी
इस क्रम में उत्तर प्रदेश ने गुरुवार को कोरोना संबंधी सभी पाबंदियां समाप्त कर दी हैं। दिल्ली, झारखंड, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, बिहार और उत्तराखंड में पहले ही यह प्रतिबंध समाप्त किए जा चुके हैं। लगभग दो साल बाद पहली बार रंगोत्सव में पुराने रंग बिखेरने की तैयारी है। जम्मू-कश्मीर से लेकर झारखंड लोगों में गजब का उत्साह है, पड़ोसियों और मित्रों को गुलाल से रंगने की योजनाएं हैं और एक बार फिर पुराने अंदाज में हुरियारे गली-मोहल्लों से निकलेंगे। बाजारों में भी रौनक दिख रही है। हालांकि अभी महामारी का खतरा पूरी तरह से टला नहीं है। इसलिए कोरोना प्रोटोकाल से जुड़ी सावधानियों का पालन भी सुनिश्चित करना होगा।
पूरी राहत
उत्तर प्रदेश में कोरोना संबंधी अधिकांश प्रतिबंधों को पूरी तरह समाप्त करते हुए अब तक बंद चल रहे स्विमिंग पूल, वाटर पार्क आदि को खोलने की भी अनुमति दे दी गई है। शादी-समारोहों में कितने भी लोग शामिल हो सकेंगे। तीसरी लहर ने दस्तक दी तो कुछ सतर्कता बरती गई, लेकिन प्रतिबंधों को बढ़ाया नहीं गया। कुछ गतिविधियों पर रोक जरूर बरकरार रही। गुरुवार को उप्र के अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश कुमार अवस्थी की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि वर्तमान में प्रदेश में कोरोना संक्रमण की दर में प्रभावी रूप से कमी हुई है, इसलिए निर्णय लिया गया है कि सभी स्विमिंग पूल, वाटर पार्क खुले रहेंगे। आंगनबाड़ी केंद्र खोले जाएंगे। इसी तरह शादी-समारोह व अन्य आयोजनों में बंद और खुले स्थानों पर परिसर की पूर्ण क्षमता के साथ लोगों के शामिल होने की अनुमति होगी। हालांकि, मास्क की अनिवार्यता रहेगी और कोरोना प्रोटोकाल की सावधानियांबरतनी होंगी।
अन्य प्रदेश पहले ही कर चुके एलान
दिल्ली में तीसरी लहर के अधिक प्रभावी न रहने के बाद धीरे-धीरे कोरोना प्रतिबंधों में ढील दी गई और बीते दिनों कार में मास्क लगाकर चलने की अनिवार्यता भी समाप्त कर दी गई है। बसों और मेट्रो में खड़े होकर यात्रा करने की अनुमति से साफ है कि जीवन पुरानी गति पर लौट रहा है। धार्मिक स्थलों पर श्रद्धालुओं को प्रवेश की अनुमति है, स्कूल-कालेज व सभी शिक्षण संस्थान एक अप्रैल से आफलाइन संचालित होंगे।
मध्य प्रदेश में भी घुरेड़ी का उत्साह चरम पर
मध्य प्रदेश में भी सारे कोरोना प्रतिबंध काफी पहले समाप्त किए जा चुके हैं। बिहार और झारखंड में भी अब कोई पाबंदी नहीं है। हालांकि लोग सावधानी के तहत मास्क और सैनिटाइजर का प्रयोग कर रहे हैं। जम्मू-कश्मीर, उत्तराखंड और छत्तीसगढ़ में भी होली के रंग खौफ के साये से निकलकर खिलखिलाने को तैयार हैं। प्रतिबंध हटने के बाद लोगों में उत्साह दिख रहा है।
तीसरी लहर नहीं रही अधिक प्रभावी, चौथी की आशंका क्षीण
कोरोना संक्रमण में जनवरी से तीसरी लहर की आहट ने एक बार फिर केंद्र व राज्य सरकारों को सख्ती करने पर विवश किया। हालांकि देश में अधिकांश लोगों के टीकाकरण और तीसरी लहर के न्यूनतम प्रभाव के कारण अधिकांश राज्य सरकारों ने क्रमवार ढंग से प्रतिबंधों में ढील दी और अंतत: सभी प्रतिबंध हटा लिए। विशेषज्ञ चौथी लहर की आशंका भी क्षीण ही बता रहे हैं, लेकिन साथ ही चेता रहे हैं कि अभी महामारी पूरी तरह से समाप्त नहीं हुई है इसलिए कोरोना प्रोटोकाल में आवश्यक सतर्कता का पालन किया जाना चाहिए।