Indian Railways News :newdelhi/ रेलवे के कर्मचारियों को करारा झटका लगा है. रेलवे यूनियन (Railway Unions) के विरोध के बाद रेल मंत्रालय (Ministry of Railways) ने कर्मचारियों के रात्रि भत्ते (Night Duty Allowance) पर रोक लगा दी है. जुलाई 2020 में कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (DoPT) की ओर से जारी किए गए निर्देश के अनुसार, रेलवे के जिन अधिकारियों की बेसिक सैलरी 43,600 रुपये से अधिक होगी, उन्हें रात्रि भत्ता (NDA) नहीं दिया जाएगा. रेल मंत्रालय ने इस संबंधित आदेश सितंबर में ही जारी कर दिया था.
अंग्रेजी के अखबार इकोनॉमिक टाइम्स की वेबसाइट के समाचार के अनुसार, देश में रेलवे के कर्मचारियों की सबसे बड़ी यूनियन ऑल इंडिया रेलवे मेन्स फेडरेशन (AIRF) ने अक्टूबर महीने में ही रेल मंत्रालय को चिट्ठी लिखकर इस आदेश को तत्काल वापस करने की मांग की गई थी, जिसमें इस बात का उल्लेख भी किया गया था कि मंत्रालय के इस फैसले के बाद रेलवे के कर्मचारियों में नाराजगी बढ़ सकती है. फेडरेशन ने मांग की थी कि अधिकारियों के कैडर, विभाग और उनके पे ग्रेड का ख्याल किए बिना रात्रि भत्ते का भुगतान किया जाए.
इतना ही नहीं, मंत्रालय की ओर से रात्रि भत्ते पर रोक लगाए जाने के विरोध में अक्टूबर महीने के दौरान ही भारतीय रेलवे नेटवर्क के करीब 35,000 से अधिक स्टेशन मास्टरों ने भूख हड़ताल किया. ऑल इंडिया स्टेशन मास्टर्स यूनियन (AISMU) ने तब कहा था कि महीने भर तक विरोध करने के बाद भी जब उनकी मांगों के अनसुना कर दिया गया, तो उन्हें सांकेतिक भूख हड़ताल करने का फैसला करना पड़ा.
यूनियन ने कहा कि सरकार के फैसले पर पुनर्विचार करने के लिए रेलवे बोर्ड की ओर से हाल ही में पत्र लिखा गया है. फेडरेशन ने रोक की सीमा और इसकी समीक्षा के खिलाफ विरोध किया. यूनियन ने आगे कहा कि फेडरेशन की मांग पर विचार करते समय बोर्ड ने मामले को कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग के पास भेजने का फैसला किया और उसी समय बोर्ड की ओर से 29 सितंबर 2020 को लिखे गए पत्र के आधार पर रेलवे के कर्मचारियों से रात्रि भत्ते के भुगतान पर रोक लगाने का आदेश जारी कर दिया गया. दरअसल, रात्रि भत्ता आवश्यक ट्रेन चलाने वाले ड्राइवरों, उसका संचालन करने वालों और मेंटनेंस स्टाफ को दिया जाता है.