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Ukraine Russia War: खार्कीव और पेसोचिन से निकाले गए सभी भारतीय, अब सूमी में फंसे छात्रों को निकालने की तैयारी 

All indians to be out of pisochin and-kharkiv in the next few hours but concern about sumi remains ministry of external affairs informed: digi desk/BHN/नई दिल्ली/ रूस की भीषण बमबारी और राकेट हमलों के बावजूद यूक्रेन के दो बड़े शहरों खार्कीव और पेसोचिन में फंसे भारतीयों को बाहर निकाल लिया गया है। अब चिंता सिर्फ सूमी शहर में फंसे भारतीय छात्रों को निकलाने की रह गई है। सूमी और आसपास के क्षेत्रों में भारी गोलीबारी के चलते छात्रों की निकासी की व्यवस्था नहीं हो पा रही है। विदेश मंत्रालय ने उनसे अनावश्यक तौर पर जोखिम नहीं उठाने और जहां छिपे हैं वहीं पर बने रहने का आग्रह किया है। इसी बीच, शनिवार को यह बात और साफ हो गई है कि भारतीय छात्रों को सुरक्षित निकालने के लिए रूस और यूक्रेन के बीच एक गलियारा बनाने को लेकर कोई सहमति नहीं बन पाई है।

63 उड़ानों से 13,300 भारतीय पहुंचे स्वदेश

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने बताया कि शनिवार तक कुल 21 हजार भारतीय यूक्रेन छोड़ चुके थे। इनमें से आपरेशन गंगा के जरिए 63 उड़ानों से 13,300 भारतीयों को स्वदेश लाया गया है। तकरीबन चार हजार नागरिक वाणिज्यिक उड़ानों से पहले ही भारत आ चुके थे। अभी 2,500 भारतीय यूक्रेन की पश्चिमी सीमा पर स्थित देशों में हैं। अगले 24 घंटे में आएंगी 13 उड़ानें अगले 24 घंटे में आपरेशन गंगा के तहत 13 उड़ानों से पोलैंड, हंगरी, रोमानिया, मालदोवा और स्लोवाक से ये भारतीय वापस लाए जा सकते हैं। इसके बाद यूक्रेन से उसके आसपास के देशों में पहुंचे बहुत कम भारतीय ही रह जाएंगे।

 छात्रों की निकासी का अभियान जारी

विदेश मंत्रालय का कहना है कि शनिवार तक पेसोचिन में तीन सौ छात्र रह गए थे, जो देर रात पांच बसों से पश्चिमी सीमा की तरफ निकल गए। शुक्रवार को वहां से 500 छात्रों को बाहर निकाला गया था। खार्कीव में भी शुक्रवार तक तीन सौ भारतीय छात्र थे जो अब निकाले जा चुके हैं।

स्थानीय स्तर पर सीजफायर की कोशिश

सूमी शहर में अभी स्थिति जटिल है। बागची ने कहा कि वहां हिंसा हो रही है, बमबारी हो रही है और ट्रांसपोर्ट की भी कमी है। भारतीय दूतावास के अधिकारी रूस और यूक्रेन के साथ संपर्क में हैं ताकि स्थानीय स्तर पर सीजफायर हो और भारतीय छात्रों को निकाला जा सके। उन्होंने वहां फंसे भारतीयों की पूरी संख्या तो नहीं बताई लेकिन कहा कि यह संख्या हजार से कम ही होगी।

सूमी में फंसे छात्रों ने खुद निकलने की दी धमकी

इससे पहले, सूमी में फंसे भारतीय छात्रों ने एक वीडियो संदेश भेजकर कहा था कि उन्हें कोई मदद नहीं मिल रही है। खाने-पीने की चीजें भी नहीं मिल रही हैं। वे अब खुद से पैदल ही वहां से निकलने की कोशिश करेंगे। यह संदेश मिलते ही यूक्रेन में भारत के राजदूत पार्थ सत्पथी ने एक भावनात्मक संदेश जारी कर छात्रों से धैर्य रखने की अपील की ताकि उन्हें सुरक्षित बाहर निकाला जा सके। उन्होंने कहा कि छात्रों को सुरक्षित स्वदेश पहुंचाने में कोई भी कसर नहीं छोड़ा जा रहा। पेसोचिन में शुक्रवार को 800 छात्र थे और उन सभी को शनिवार को निकाल लिया गया है।

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