Shani Gochar 2022: digi desk/BHN/नई दिल्ली/ ज्योतिष में सभी 9 ग्रहों का विशेष महत्व है, लेकिन इस भी ग्रहों में शनि ग्रह का प्रभाव सभी को डराता है क्योंकि शनि की साढ़े साती जहां जीवन में बड़े बदलाव लाती है, वहीं कुछ राशियों के लिए यह काफी अशुभ प्रभाव भी छोड़ता है। ज्योतिष के मुताबिक शनि ग्रह को एक राशि से दूसरी राशि में जाने में ढाई साल लगते हैं। इस गति के हिसाब से शनि ग्रह को एक राशि में फिर से गोचर करने में करीब 30 साल का समय लग जाता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार शनि देव 30 साल बाद 29 अप्रैल को फिर से कुंभ राशि में गोचर करेंगे। 29 अप्रैल को शनि देव 30 साल के लिए अपनी मकर राशि की यात्रा को रोक देंगे और फिर कुंभ राशि में प्रवेश करेंगे। शनि के इस राशि परिवर्तन से कुछ राशियों पर साढ़े साती और ढैय्या शुरू हो जाएगी। साथ ही कुछ राशियों पर शनि की दशा खत्म हो जाएगी। ऐसे यहां जाने शनि ग्रह का राशि परिवर्तन किन राशियों के लिए शुभ और अशुभ होगा –
ज्योतिष के मुताबिक शनि के कुंभ राशि में गोचर से 2 राशियों पर शनि की ढैया शुरू होने जा रही है। कर्क और वृश्चिक राशि वालों पर शनि की ढैया की शुरु होगी। तुला और मिथुन राशि के जातकों के लिए इस समय शनि की ढैया चल रही है। शनि ग्रह तुला राशि में उच्च का होता है, जबकि मेष राशि में नीच का माना जाता है। साथ ही शनि को मकर और कुंभ राशि का स्वामी भी माना जाता है।
19 साल चलती है शनि की महादशा
गौरतलब है कि शनि की महादशा 19 साल तक चलती है। जब कुंडली में शनि शुभ और मजबूत स्थिति में होता है तो व्यक्ति को उच्च पद, सम्मान और धन की प्राप्ति होती है। गौरतलब है कि शनि देव 2 वर्ष से अधिक समय से मकर राशि में मौजूद हैं। ऐसे में धनु, मकर और कुंभ राशि पर शनि की अर्धशतक का प्रभाव पड़ रहा है। 29 अप्रैल को शनि देव के कुंभ राशि में प्रवेश करते ही मीन राशि पर शनि की साढ़े साती शुरू हो जाएगी, वहीं धनु राशि के जातकों को साढ़े साती से मुक्ति मिलेगी। इसके अलावा शनि का अंतिम चरण मकर राशि से और दूसरा चरण कुंभ राशि पर शुरू होगा।