Russia ukraine crisis : digi desk/BHN/नई दिल्ली/ यूक्रेन के युद्धग्रस्त शहर खार्कीव को छोड़ चुके करीब एक हजार भारतीय छात्र अब वहां से करीब 11 किलोमीटर दूर स्थित पेसोचिन शहर में फंसे हैं जबकि भारत सरकार की पहली एडवाइजरी जारी होने के बाद से गुरुवार शाम तक 18 हजार भारतीय स्वदेश पहुंच गए। अगले दो दिनों में 7,400 और भारतीयों को स्वदेश ले आया जाएगा। इनमें से 3,500 लोगों को शुक्रवार को और 3,900 लोगों को शनिवार को लाया जाएगा।
पेसोचिन पहुंचे भारतीय छात्र
यूक्रेन स्थित भारतीय दूतावास ने बुधवार को भारतीय छात्रों को तत्काल खार्कीव छोड़ने का अल्टीमेटम जारी किया था। इसके बाद अब करीब एक हजार छात्र पेसोचिन के स्कूलों व दूसरे स्थलों पर शरण लिए हुए हैं। इन्हें निकालने के लिए भारत, रूस और यूक्रेन के संपर्क में है, लेकिन गुरुवार को भी खार्कीव व आसपास के इलाकों पर रूसी हमलों की वजह से इनकी निकासी संभव नहीं हो पाई।
ठहरने और खाने-पीने का हुआ इंतजाम
विदेश मंत्रालय का दावा है कि पेसोचिन पहुंचे छात्रों के ठहरने और खाने-पीने का इंतजाम कराया गया है। यह पूछे जाने पर कि भारतीय दूतावास को किस तरह की सूचना मिली थी जब भारतीय छात्रों को खार्कीव छोड़ने का निर्देश दिया गया, तो विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने बताया कि रूस की तरफ से हमें तीन शहरों के नाम (पेसोचिन, बबाई और वेचलिदिविका) के नाम दिए गए और समय भी बताया गया था।
सीमा की तरफ भेजने की हो रही व्यवस्था
बागची ने बताया कि बुधवार को जब यह सूचना भारतीय छात्रों को मिली तो संभवत: सबसे नजदीकी शहर होने की वजह से वे सभी पेसोचिन ही पहुंच गए। वहां से इन छात्रों को यूक्रेन के दक्षिणी व पश्चिमी सीमा की तरफ भेजने की व्यवस्था की जा रही है, लेकिन यह कब तक होगा, कहा नहीं जा सकता।
आ रही समस्याएं
अरिंदम बागची ने कहा कि यूक्रेन में हालात तेजी से बदलने की वजह से काफी समस्याएं आ रही हैं। जैसे पोलैंड सीमा पर बुधवार को भीड़ नहीं थी और भारतीय छात्रों को वहां से आसानी से बाहर निकाल लिया गया, लेकिन शाम के बाद स्थानीय यूक्रेनी शरणार्थियों की भीड़ काफी बढ़ गई। इसके बाद भारतीयों को भी परेशानी का सामना करना पड़ा।