World, russia ukraine crisis condemnation motion against russia in unsc india china and uae made distance russia imposed veto: digi desk/BHN/यूक्रेन/ रूसी हमले के बाद संकट के इस दौर यूक्रेन की मदद के लिए अमेरिका सहित 28 देशों ने सैन्य व आर्थिक मदद देने का फैसला किया है। यूक्रेन को मदद करने के लिए फ्रांस की तरफ से तत्काल हथियार भेजे जा रहे हैं। इस बारे में फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने खुद इसकी जानकारी दी। वहीं दूसरी ओर अमेरिका के व्हाइट हाउस बताया है कि अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन को यूक्रेन की सुरक्षा और रक्षा के लिए तत्काल 350 मिलियन डॉलर जारी करने का निर्देश दिया है। CNN ने जानकारी दी है कि इस मदद का ऐलान अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडन और राष्ट्रपति व्लादिमीर ज़ेलेंस्की के बीच बातचीत के बाद किया गया। दोनों नेताओं के बीच करीब 40 मिनट तक बात हुई है।
भारत ने वोटिंग से खुद को दूर रखा
सुरक्षा परिषद में वोटिंग की प्रक्रिया से भारत और चीन ने खुद को दूर रखा। इस प्रस्ताव में रूस की ‘आक्रामकता’ की निंदा के साथ ही यूक्रेन से ‘तत्काल और बिना शर्त’ रूसी सेना की वापसी की बात की जा रही थी। सुरक्षा परिषद में अमेरिका और अल्बानिया ने इस प्रस्ताव को पेश किया था और प्रस्ताव में रूसी आक्रामकता, हमला और यूक्रेनी संप्रभुता के उल्लंघन की निंदा की की गई थी। साथ ही इस प्रस्ताव में यूक्रेन की संप्रभुता, स्वतंत्रता, एकता और क्षेत्रीय अखंडता को लेकर प्रतिबद्धता जताई गई। प्रस्ताव में रूस की ओर से यूक्रेन पर किए गए हमले को अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा का उल्लंघन बताया गया।
दो अलग देशों को मान्यता देना भी गलत बताया
अमेरिका और उसके सहयोगी देशों ने सुरक्षा परिषद में पेश किए गए प्रस्ताव में पूर्वी यूक्रेन के दोनेत्सक और लुहांस्क को अलग मान्यता देने के फैसले को भी तुरंत पलटने का आह्वान किया प्रस्ताव में कहा गया है कि यूक्रेन में जरूरतमंद लोगों को मानवीय सहायता की तीव्र, मानवीय कर्मियों और बच्चों सहित कमजोर परिस्थितियों में व्यक्तियों की रक्षा के लिए सुरक्षित और निर्बाध पहुंच की अनुमति दें।
भारत, चीन व UAE ने वोटिंग से बनाई दूरी
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के 15 सदस्य देशों में से 11 देशों ने यूक्रेन में रूस की कार्रवाई की निंदा वाले प्रस्ताव पर वोट डाला। वहीं भारत, चीन और UAE ने इस निंदा प्रस्ताव से दूरी बना ली थी, वहीं दूसरी ओर खुद रूस ने वीटो पावर का इस्तेमाल करके इस निंदा प्रस्ताव का रास्ता ही रोक दिया है। रूस सुरक्षा परिषद का स्थायी सदस्य है और इसलिए रूस को विशेष वीटो पॉवर का अधिकार मिला हुआ है।
गौरतलब है कि बीते एक सप्ताह में सुरक्षा परिषद की यह तीसरी बार आपात बैठक हुई है। UNSC की बैठक में UN में भारत की अगुवाई कर रहे टी. एस. तिरुमूर्ति ने कहा कि यूक्रेन में हाल ही में हुए घटनाक्रम से भारत बेहद परेशान है। भारत इस संबंध में आग्रह करता है कि हिंसा और शत्रुता को तत्काल समाप्त करने के सभी प्रयास किए जाएं। नागरिकों के जीवन की सुरक्षा के लिए अभी तक कोई भी समाधान नहीं निकाला गया है। तिरुमूर्ति ने कहा कि इस बात से खेद है कि कूटनीति का रास्ता छोड़ दिया गया है, रूस और यूक्रेन को उस पर लौटना होगा। इन सभी कारणों से भारत ने इस प्रस्ताव पर परहेज करने का विकल्प चुना है।