Third World War: digi desk/BHN/यूक्रेन/ रूस और यूक्रेन के बीच जारी तनाव के बाद एक बार फिर युद्ध का खतरा मंडरा रहा है। जिस तरह कि वैश्विक परिस्थिति निर्मित हो रही है, उससे ऐसा लग रहा है कि एक बार फिर से इतिहास खुद करीब 100 साल बाद फिर दोहरा रहा है। रूस और यूक्रेन के बीच जारी विवाद के बीच रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने सोमवार को पूर्वी यूक्रेन के अलगाववादी क्षेत्रों को स्वतंत्र देश के रूप में मान्यता दे दी है और इसके जवाब में अब अमेरिका, फ्रांस, जर्मनी और ब्रिटेन जैसे कई शक्तिशाली देश एकजुट हो गए हैं और जवाबी कार्रवाई करने की तैयारी कर रही है। ब्रिटेन जहां रूस पर शक्तिशाली प्रतिबंध लगाने की पैरवी कर रहा है, वहीं दूसरी ओर फ्रांस भी रूस को उचित जवाब देने के पक्ष में है। साथ ही संयुक्त राष्ट्र संघ भी रूस के फैसले को यूक्रेन की संप्रभुता और अखंडता का उल्लंघन मानता है।
तो छिड़ सकता है तीसरा विश्व युद्ध
करीब 100 साल पहले जब प्रथम विश्व युद्ध हो रहा था, उसी दरमियान दुनिया में घातक महामारी स्पेनिश फ्लू ने दस्तक दी थी और आज के हालात भी वैसे ही है। दुनिया के सभी देश कोरोना महामारी के संकट से जूझ रहे हैं और प्रथम विश्व युद्ध के दौरान भी सभी मित्र राष्ट्रों ने आक्रामक होकर जर्मनी पर हमला कर दिया था।
स्पैनिश फ्लू के कारण मारे गए थे 1.7 करोड़ लोग
स्पैनिश फ्लू सन 1918 में पूरे विश्व में फैली एक विश्वमारी थी, जिसे 1918 की फ्लू महामारी भी कहते हैं। स्पैनिश फ्लू महामारी भी सबसे पहले जनवरी 1918 में सामने आई थे और दिसम्बर 1920 तक चली। तब स्पैनिश फ्लू के कारण दुनिया में करीब 50 करोड़ लोग संक्रमित हुए थे और यह संख्या दुनिया की आबादी का एक चौथाई थी। इस महामारी के कारण एक अनुमान के मुताबिक 5 करोड़ लोगों की मौत हुई थी।
कुछ अनुमानों के अनुसार मरने वालों की संख्या 10 करोड़ से भी ज्यादा बताई जाती है। यह मानव इतिहास में सबसे घातक महामारियों में से एक थी। तब भी जर्मनी और मित्र देशों के बीच युद्ध की स्थिति निर्मित हो गई थी और 100 साल बाद भी महामारी के बीच रूस और यूक्रेन व अन्य पश्चिमी देशों के बीच तीसरे विश्व युद्ध की आहट सुनाई दे रही है।