Supreme court response from centre and state govs on enforcement of fundamental duties: digi desk/BHN/नई दिल्ली/ सुप्रीम कोर्ट ने संविधान के अनुच्छेद 51ए में निर्धारित मौलिक कर्तव्यों को लागू करने की मांग वाली जनहित याचिका पर केंद्र और राज्य सरकारों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। एडवोकेट आन रिकार्ड दुर्गा दत्त ने अधिवक्ता करुणाकर महालिक के माध्यम से यह याचिका दायर की है।
याचिका में कहा गया है, न्यायपालिका सहित विभिन्न संस्थानों की एकता और अखंडता की रक्षा के लिए मौलिक कर्तव्य एक महत्वपूर्ण कारक है। प्रत्येक नागरिक को सीखना चाहिए कि देश की संस्थाओं का सम्मान कैसे किया जाता है। ऐसे मामले भी सामने आए हैं, जहां कानून के अधिकारियों सहित लोगों द्वारा मौलिक कर्तव्यों का उल्लंघन किया गया है।
दत्त की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता रंजीत कुमार ने जस्टिस संजय किशन कौल की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष कहा कि इस मामले में नोटिस जारी किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि हर कोई अधिकारों के लिए संघर्ष कर रहा है। किसी को भी मौलिक कर्तव्यों की परवाह नहीं है और भारत सरकार के रुख को समझना महत्वपूर्ण है। दलीलें सुनने के बाद पीठ ने केंद्र और राज्य सरकारों को नोटिस जारी किया। पीठ में जस्टिस एमएम सुंद्रेश भी शामिल हैं।
याचिका में कहा गया है, मौलिक कर्तव्यों का उद्देश्य प्रत्येक नागरिक को निरंतर रिमाइंडर के रूप में कार्य करना बताया गया है, जबकि संविधान ने उन्हें विशेष रूप से कुछ मौलिक अधिकार प्रदान किए हैं। इसके लिए नागरिकों को लोकतांत्रिक आचरण और लोकतांत्रिक व्यवहार के कुछ बुनियादी मानदंडों का पालन करने की भी आवश्यकता है, क्योंकि अधिकार और कर्तव्य परस्पर संबंधित हैं।