Kaal Sarp Yoga Pooja on Mahashivratri: digi desk/BHN/ ग्वालियर/ महाशिवरात्रि पर ब्रह्मांड में कालसर्प दोष निष्पादित हो रहा है। ऐसे समय में पीड़ित भक्त यदि कालसर्प दोष का निवारण व अनुष्ठान कराते हैं तो यह उनके लिए सर्वश्रेष्ठ रहेगा। ज्योतिषाचार्य डॉ. सतीश सोनी ने बताया कि महाशिवरात्रि पर बारहवें भाव में मकर राशि में पंच ग्रह योग रहेगा। मंगल, शुक्र, बुध, और शनि के साथ चंद्रदेव विराजित होंगे। लग्न में कुंभ राशि में सूर्य और गुरु की युति रहेगी। चतुर्थ भाव में राहु वृषभ राशि में जबकि केतु दसवें भाव में वृश्चिक राशि में रहेंगे। ऐसे समय में अनुष्ठान पूजा भक्तों को समस्त मनोकामना पूर्ण कराने वाला होगा। इसीलिए महाशिवरात्रि के पावन योग में लोगों को परेशानियों से छुटकारा दिलाने के लिए बहोडापुर स्थित बालाजी धाम काली माता मंदिर के प्रांगण में तीन दिवसीय विशेष पूजा-अर्चना कराई जाएगी।
मंदिर प्रांगण में पूजा 28 फरवरी से प्रारंभ होकर 2 मार्च तक चलेगी। पूजा में सम्मिलित होने के लिए मंदिर समिति द्वारा पंजीयन प्रारंभ कर दिए गए हैं। यह पूजा सुबह 9 से शाम 6बजे तक चलेगी। पूजा में उपयोग होने वाली सामग्री मंदिर समिति द्वारा भक्तों को उपलब्ध कराई जाएगी। इस दौरान कालसर्प दोष, मंगल दोष, पितृदोष, चांडाल दोष, नवग्रह शांति आदि की पूजा पाठ होगी। साथ ही भोलेनाथ का दिव्य महा रुद्राभिषेक भी किया जाएगा।
12 प्रकार के कालसर्प दोषो का होगा निवारण
- – तीन दिवसीय पूजा पाठ के दौरान भक्तों के 12 प्रकार के कालसर्प दोषो का निवारण किया जाएगा। पूजा के दौरान चांदी के 12 जोड़े नाग नागिन का पूजन कर भक्तों को दिए जाएंगे। वहीं पूजा के अंतिम समय में जौ के आटे के नाग नागिन बनाकर और उनका पूजन करके जनक ताल स्थित विशाल पीपल के पेड़ के नीचे दाह संस्कार कर जनक ताल में विसर्जन किया जाएगा। यह पूरी प्रक्रिया जनक ताल पर ही संपन्न कराई जाएगी।
- – मुख्य महंत बालाजी धाम काली माता मंदिर पंडित किशोर कुमार शर्मा ने बताया कि भक्तों को कष्टों से मुक्ति दिलाने के लिए विशेष पूजा-अर्चना का आयोजन किया जा रहा है। यह पूजा शहर तथा उज्जैन और बनारस के वैदिक ब्राह्मणों द्वारा कराई जाएगी। जो जरूरतमंद भक्त होंगे उनको सम्पूर्ण पूजा सामग्री मंदिर समिति द्वारा उपलब्ध कराई जाएगी।