Hijab vivad action on girl students adamant on wearing hijab in karnataka fir suspention: digi desk/BHN/नई दिल्ली/कर्नाटक में हिजाब विवाद थमता नजर नहीं आ रहा है। कर्नाटक हाई कोर्ट के आदेश के बाद सरकार ने नियमों के पालन को लेकर सख्ती बरतना शुरू कर दिया है। ताजा जानकारी यह है कि पुलिस ने 17 फरवरी को तुमकुर में गर्ल्स एम्प्रेस गवर्नमेंट पीयू कॉलेज के बाहर हिजाब नियम के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रही 10 लड़कियों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया। यह केस सीआरपीसी की धारा 144 के तहत जारी निषेधाज्ञा का उल्लंघन करने के आरोप में धारा 143, 145, 188 और 149 के तहत दर्ज किया गया है। इसी तरह, शिवमोगा जिले के शिरल्कोपा तालुक में हिजाब पर प्रतिबंधों के खिलाफ शुक्रवार को विरोध प्रदर्शन के बाद 58 छात्रों को निलंबित कर दिया गया है।
यहां छात्रों ने विरोध किया, मांग की कि हिजाब को कक्षा के अंदर अनुमति दी जाए। छात्रों ने कहा, ‘हिजाब हमारा अधिकार है, हम मर जाएंगे लेकिन हिजाब को नहीं छोड़ेंगे।’ बहरहाल, जब तक निलंबन रद्द नहीं किया जाता है, तब तक छात्रों को कैंपस परिसर में प्रवेश करने की अनुमति नहीं है। इस बीच, अन्य स्थानों पर प्रदर्शनकारियों को सीआरपीसी की धारा 144 के तहत निषेध आदेशों का उल्लंघन करने के लिए बुक किया गया है। पिछले तीन दिनों से पुलिस और तहसीलदार छात्रों को नियमों के बारे में जानकारी दे रहे हैं।
अंग्रेजी की प्रोफेसर ने भी दिया इस्तीफा
इस बीच, कर्नाटक में एक अंग्रेजी प्रोफेसर ने अपने कॉलेज में प्रवेश करने से पहले कथित तौर पर हिजाब हटाने के लिए कहने के बाद ‘आत्म-सम्मान’ का हवाला देते हुए इस्तीफा दे दिया। तुमकुरु के जैन पीयू कॉलेज में लेक्चरर चांदिनी ने कहा कि उन्होंने लगभग तीन साल तक कॉलेज में काम किया था, लेकिन पहली बार उन्हें अपना हिजाब हटाने के लिए कहा गया था। बकौल चांदनी, ‘मैं पिछले तीन वर्षों से जैन पीयू कॉलेज में काम कर रही हूं। मुझे अब तक किसी भी समस्या का सामना नहीं करना पड़ा है, लेकिन कल, प्रिंसिपल ने मुझसे कहा कि मैं पढ़ाते समय हिजाब या कोई धार्मिक प्रतीक नहीं पहन सकती। यह नया फैसला मेरे स्वाभिमान पर चोट है। इसलिए मैंने इस्तीफा देने का फैसला किया है।’ हालांकि, कॉलेज के प्रिंसिपल केटी मंजूनाथ ने कहा कि न तो उन्होंने और न ही प्रबंधन में किसी और ने उन्हें हिजाब हटाने के लिए कहा था।