The board of secondary education has filed a caveat in the mp high court so that there is no interference in the examination: digi desk/BHN/जबलपुर/माध्यमिक शिक्षा मंडल, माशिमं ने हाई कोर्ट की मुख्यपीठ जबलपुर और खंडपीठ इंदौर व ग्वालियर में कैविएट दायर की है। यह कदम हाई स्कूल व हायर सेकेंडरी परीक्षाओं में व्यवधान की आशंका पर विराम लगाने की मंशा से उठाया गया है। माशिमं के प्रवक्ता एसके चौरसिया ने यह जानकारी दी। उन्होंने अवगत कराया कि हाई स्कूल व हायर सेकेंडरी परीक्षाओं पर रोक की मांग के साथ छात्र, अभिभावक व स्कूल संचालक हाई कोर्ट में याचिकाएं दायर कर सकते हैं। लिहाजा, माशिमं का पक्ष सुने बिना कोई आदेश पारित न हो जाए। इसी आशंका को मद्देनजर रखकर कैविएट दायर की गई है। इससे माशिमं को पहले सुना जाएगा। उल्लेखनीय है कि माशिमं ने हाई स्कूल व हायर सेकेंडरी परीक्षाओं की तैयारी को अंतिम रूप दे दिया है। परीक्षा केंद्र भी निर्धारित कर दिए हैं। ऐसे में यादि हाई कोर्ट के स्टे से कार्यक्रम प्रभावित हुआ तो काफी नुकसान हो जाएगा।
मनमाने तरीके से टिकट निरस्त करने पर लगाया जुर्माना
उपभोक्ता अदालत ने आवेदन किए बिना ही एसी-थ्री का टिकट निरस्त करने पर दक्षिण पूर्व रेलवे पर जुर्माना लगा दिया। उपभोक्ता अदालत के अध्यक्ष केके त्रिपाठी व सदस्य अर्चना शुक्ला की युगलपीठ ने टिकट के मूल्य के साथ मानसिक कष्ट के लिए 30 हजार रुपये की क्षतिपूर्ति देने का आदेश दिया। इसके अलावा रेलवे परिवादी को दो हजार रुपये मुकदमे के खर्च केरूप में भी भुगतान करने होंगे। रामपुर, जबलपुर निवासी अभिजीत राॅय और मेघना रॉय ने परिवाद दायर कर बताया कि 11 अप्रैल 2010 को उन्होंने हाउबाग स्टेशन से दिल्ली के लिए रिजर्वेशन कराया था। यात्रा के एक दिन पहले 24 मई को उन्होंने नेट पर स्टेटस देखा तो टिकट कैंसिल बताई गई। आवश्यक होने के कारण उन्होंने जनरल टिकट लेकर यात्रा की। सुनवाई के बाद आयोग ने पाया कि आवेदकों को रेलवे की गलती के कारण कष्टप्रद यात्रा करनी पड़ी। उपभोक्ता अदालत ने कहा कि रेलवे की लापरवाही के लिए आवेदक क्षतिपूर्ति पाने का हकदार है।