US Election Results: नयी दिल्ली/ अमेरिका को जो बाइडेन (Joe Biden) के रूप में एक नया राष्ट्रपति मिल गया. बाइडेन के राष्ट्रपति बनने के बाद भी भारत और अमेरिका के रिश्तों में कोई ठहराव नहीं आयेगा. जानकारों का कहना है कि भारत और अमेरिका के रिश्ते (India-US Relation) उस मुकाम पर पहुंच गये हैं, जहां से लौटना किसी के लिए संभव नहीं है. उपराष्ट्रपति के तौर पर बाइडेन का रुख भारत के लिए हमेशा सकारात्मक रहा है. बतौर राष्ट्रपति 2013 में बाइडेन चार दिन के दौरे पर भारत आये थे. साल 2008 में दोनों देशों के बीच असैन्य परमाणु समझौते (Nuclear Deal) के लिए सीनेट की मंजूरी दिलवाने में बाइडेन ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी.
अमेरिका में थिंक टैंक और भारतवंशी विशेषज्ञों का मानना है कि राष्ट्रपति निर्वाचित हुए जो बाइडेन भारत-अमेरिका रिश्तों को मजबूत करना जारी रखेंगे. सेंटर फॉर स्ट्रैटेजिक एंड इंटरनेशल स्ट्डीज थिंक टैंक के रिक रोसो ने कहा कि बाइडेन प्रशासन भारत के लिए मुख्यतः सकारात्मक रहेगा. उन्होंने कहा कि मुझे उम्मीद है कि सहयोग के सबसे सकारात्मक क्षेत्रों को बरकरार रखा जाएगा. खासकर रक्षा क्षेत्र को.
रोसो ने कहा कि दो प्रमुख मुद्दे हैं जो वास्तव में अमेरिका-भारत संबंधों को परिभाषित कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि पहला, बाइडेन प्रशासन रूस से रक्षा खरीद को लेकर भारत पर संभावित प्रतिबंध से कैसे निपटता है? दूसरा, अगर अमेरिका भारत में सामाजिक मुद्दों को लेकर अपनी चिंताओं को जोर- शोर से उठाता है तो क्या दरार पैदा होगी?उन्होंने यह भी कहा कि बाइडेन प्रशासन में भारत को ईरान के साथ रिश्तों को लेकर कम दबाव का सामना करना पड़ेगा और अक्षय ऊर्जा सहयोग को महत्व किया जाएगा. बहरहाल, रेसो ने कहा कि देशों के बीच व्यापार तनाव जारी रहेगा. कार्नेगी एंडोमेंट फॉर पीस थिंक टैंक में टाटा चेयर फॉर स्ट्रैटेजिक एशले जे टेलिस के मुताबिक, इस बात में कोई संदेह नहीं है कि जो बाइडेन भारत-अमेरिका रिश्तों को मजबूत करेंगे.