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Award: गुलाम नबी को पद्म भूषण सम्मान मिलने पर कांग्रेस में घमासान, सोनि‍या और राहुल ने अब तक नहीं दी बधाई..!

Ghulam nabi received the padma bhushan award there was animosity within the congress sonia gandhi and rahul gandhi have not yet congratulated: digi desk/BHN/नई दिल्ली/ कांग्रेस की अंदरूनी लड़ाई दिनों दिन गहरी होती जा रही है। कांग्रेस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते रहे सबसे वरिष्ठ नेताओं में शामिल गुलाम नबी आजाद को दिया गया पद्म भूषण भी पार्टी को नागवार गुजरा है। एक तरफ जहां टीम राहुल के रणनीतिकार माने जाने वाले जयराम रमेश ने उन पर परोक्ष रूप से सरकार का गुलाम होने का बड़ा तंज कर दिया, वहीं एक दिन गुजरने के बाद भी कांग्रेस के किसी शीर्ष नेता ने उन्हें बधाई तक नहीं दी।

सिब्बल ने जताया आश्चर्य- जिसे देश मान दे रहा, उसकी पार्टी में उपयोगिता नहीं

लड़ाई तब और तीखी हो गई जब नाराज नेताओं में शामिल कपिल सिब्बल ने आश्चर्य जताया कि जिसकी (आजाद) उपलब्धियों और योगदान को देश मान्यता दे रहा है, उसकी पार्टी में कोई उपयोगिता नहीं है। अब तक सिर्फ तीन कांग्रेसी नेताओं ने आजाद को बधाई दी है और वे तीनों कभी न कभी पार्टी नेताओं की असहिष्णुता का शिकार रहे हैं। शशि थरूर ने सबसे पहले बधाई दी और कहा- दूसरे पक्ष की सरकार ने भी आपकी उपलब्धियों को पहचाना और सम्मानित किया, इसके लिए बधाई हो।

जयराम रमेश ने कसा तंज

इसके कुछ देर बाद जयराम रमेश ने बंगाल के पूर्व मुख्यमंत्री और वाम नेता बुद्धदेव भट्टाचार्य की ओर से सम्मान लेने से इनकार किए जाने पर प्रतिक्रिया जताते हुए आजाद पर करार तंज किया। उन्होंने कहा, ‘बुद्धदेव ने सही किया, उन्होंने गुलाम होने के बजाय आजाद रहना पसंद किया।’ बताने की जरूरत नहीं कि जयराम का ट्वीट बुद्धदेव की प्रशंसा से ज्यादा आजाद की आलोचना करना था जिन्होंने इस सम्मान का स्वीकार किया। ध्यान रहे कि आजाद लंबे अरसे तक राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष और जयराम के नेता रहे हैं। लेकिन अब पाले अलग हैं। जयराम फिलहाल राहुल की कोर टीम के सदस्य माने जाते हैं और आजाद नाराज नेताओं वाले जी-23 के नेता।

राजीव महर्षि को सम्मानित किए जाने पर भी सवाल

राजनीतिक कटुता किस कदर बढ़ी है इसका नजारा तब भी दिखा था जब थरूर ने पार्टी को सलाह दी थी कि प्रधानमंत्री मोदी की हमेशा आलोचना नहीं की जानी चाहिए। जो काम अच्छा हो रहा है उसकी प्रशंसा भी की जानी चाहिए। इसके बाद कांग्रेस के अंदर एक पूरा ब्रिगेड उन्हें पार्टी से निकालने पर आमादा था। बुधवार सुबह कपिल सिब्बल और आनंद शर्मा भी आजाद के साथ खड़े हुए। बात यही नहीं रुकी। पूर्व नौकरशाह और वर्तमान में तृणमूल कांग्रेस के सांसद जवाहर सरकार ने पूर्व सीएजी राजीव महर्षि को सम्मानित किए जाने पर भी सवाल खड़ा कर दिया। उन्होंने सीधे तौर पर इसे राफेल मामले में सीएजी की क्लीन चिट से जोड़ दिया। यह और बात है कि सरकार खुद रिटायरमेंट के बाद तृणमूल से जुड़ गए थे और राफेल के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने भी क्लीन चिट दी है।

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