How will the dry day be followed in the home bar question on the new liquor policy of madhya pradesh: digi desk/BHN/भोपाल/शिवराज कैबिनेट द्वारा पारित आबकारी नीति में कई ऐसी खामियां हैं, जो सवाल खड़े करती हैं। नीति में यह स्पष्ट नहीं किया गया है कि ड्राई डे यानी गांधी जयंती, होली या चुनाव की स्थिति में होम बार पर नियंत्रण कैसे होगा। होम बार की आड़ में पवित्र नगरों में भी शराबखोरी शुरू हो जाएगी। सरकार ने प्रत्यक्ष तौर पर भले ही शराब की नई दुकान नहीं खोलने का निर्णय लिया हो पर पिछले दरवाजे से कई रास्ते जरूर खोल दिए हैं। अब न सिर्फ एयरपोर्ट पर वाइन शाप खुलेगी बल्कि बड़ेे शहरों में माल में वाइन शाप के काउंटर खोलने की अनुमति दी जाएगी।
देसी शराब की दुकान पर विदेशी और विदेशी शराब की दुकान पर देसी शराब की उपलब्धता होगी। यही फैसला बताता है कि सरकार ने तकनीकी तौर पर भले ही शराब दुकानों की संख्या नहीं बढ़ाई लेकिन व्यावहारिक तौर पर देसी-विदेशी दोनों की दुकानें दोगुनी हो गईं। एक तरफ राज्य सरकार नशा मुक्ति अभियान चलाने की बात भी कर रही है तो दूसरी तरफ शराब की पहुंच को और आसान बनाया जा रहा है। खपत बढ़ाने के लिए शराब सस्ती की जा रही है। घर पर शराब रखने की मात्रा में भी वृद्धि की गई है।
होम बार में किसके पास कितनी शराब है, इसके आडिट का कोई तरीका नहीं बनाया जा सकता है। घरों से शराब का अवैध परिवहन भी नहीं रोका जा सकेगा। कांग्रेस इसे शिवराज सरकार का शराब प्रेम करार दे रही है। वहीं, राज्य सरकार के प्रवक्ता गृहमंत्री डा. नरोत्तम मिश्रा का कहना है कि कांग्रेस सरकार तो महिलाओं के लिए अलग शराब दुकान खोलने वाले थी। पंजाब और छत्तीसगढ़ में शराब के क्या हाल हैं, जरा पता कर लें। पंजाब को उड़ता पंजाब बना दिया है।
पेट्रोल-डीजल, बिजली महंगी पर सस्ती मिलेगी शराब
प्रदेश की नई आबकारी नीति को लेकर पूर्व मुख्यमंंत्री कमल नाथ ने ट्वीट किया कि प्रदेश में पेट्रोल-डीजल और बिजली महंगी पर शराब सस्ती मिलेगी। सरकार ने आबकारी नीति से अपनी प्राथमिकता बात दी है। अब एक ही दुकान से देसी और विदेशी शराब बिकेगी। सुपर बाजार, एयरपोर्ट पर शराब मिलेगी। घर में शराब रखने की सीमा चार गुना बढ़ा दी है। शराब माफिया पर सरकार का कोई नियंत्रण नहीं है। भिंड में चार लोगों की जहरीली शराब से मौत हो गई।
वहीं, दिग्विजय सिंह ने कहा कि अवैध शराब को रोकने के लिए सस्ती शराब की नीति बनाई है। नर्मदा नदी के तट से पांच किलोमीटर के दायरे में शराब की बिक्री प्रतिबंधित है पर भाजपा के नेता ही बेच रहे हैं। ऊपर से लेकर नीचे तक सबको हिस्सा पहुंच रहा है। आबकारी नीति से शराब पीने वालों की सहूलियत हो सकती है पर यह आमजन के हित में नहीं है। उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती के शराबबंदी अभियान को लेकर कहा कि वे और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान तय कर लें कि आखिर करना क्या चाहते हैं।