NEET PG Counselling: digi desk/BHN/नई दिल्ली/ नीट पीजी काउंसलिंग पर सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुना दिया है। सर्वोच्च अदालत ने कहा है कि इस साल के एडमिशन के लिए जल्द से जल्द काउंसलिंग की प्रक्रिया शुरू होना चाहिए। सबसे बड़ी बात यह है कि ओबीसी (OBC) छात्रों को 27 फीसदी आरक्षण का लाभ मिलेगा। जहां तक आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) वर्ग की बात है, इस पर मार्च में विस्तृत सुनवाई होगी। हालांकि कोर्ट ने यह भी साफ कर दिया है कि EWS आरक्षण (10%) इसी सत्र से लागू होगा। पीजी ऑल इंडिया कोटा सीटों (एमबीबीएस/बीडीएस और एमडी/एमएस/एमडीएस) मामले में सुप्रीम कोर्ट की यह सुनवाई हुई।
केंद्र सरकार ने EWS के लिए 8 लाख रुपए सालाना आय का नियम बनाया है। सुप्रीम कोर्ट ने अभी इसी व्यवस्था को जारी रखने के लिए कहा है, लेकिन अगले सत्र के लिए इसकी समीक्षा की जाएगी। इसीलिए मार्च 2022 में सुनवाई की तारीख तय की गई है। इस मामले की जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस एएस बोपन्ना की अगुवाई वाली स्पेशल बेंच ने सुनवाई की।
क्यों हुई NEET PG Counselling 2021 में देरी
ऑल इंडिया कोटा में ईडब्ल्यूएस कोटा के निर्धारण के लिए मानदंड पर फिर से विचार करने के केंद्र के फैसले के खिलाफ शीर्ष अदालत में एक याचिका दायर की गई थी। इसके बाद NEET PG 2021 काउंसलिंग में देरी हुई। दिल्ली और देश के अन्य हिस्सों में फेडरेशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (FORDA) के बैनर तले विभिन्न अस्पतालों के रेजिडेंट डॉक्टरों ने काउंसलिंग सत्र में देरी को लेकर विरोध प्रदर्शन किया था। भारत के सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने मामले में तत्काल सुनवाई की मांगी की थी जिसे भारत के मुख्य न्यायाधीश एन वी रमना ने मंजूरी दे दी थी।