Kharmas is ending this month know when you can start auspicious work: digi desk/BHN/नई दिल्ली/ हिंदू पंचांग के अनुसार इन दिनों खरमास चल रहा है, और इस दौरान कोई भी शुभ कार्य करना वर्जित माना जाता है। ये 14 दिसंबर 2021 को शुरु हुआ था और तब से शादी-ब्याह, खरीद-बिक्री, वाहन, संपत्ति आदि से जुड़ी गतिविधियां ठप पड़ी हैं। धार्मिक मान्यताओंं की मानें तो खरमास में शादी, सगाई, यज्ञोपवीत, गृह प्रवेश, मुंडन समेत तमाम बड़े शुभ कार्य नहीं किए जाते हैं। यहां तक कि इस समय नया घर या वाहन आदि खरीदना भी शुभ नहीं माना जाता है। लेकिन नये साल में ये सब फिर से शुरु होनेवाला है, क्योंकि एक महीने का खरमास जल्द ही खत्म होनेवाला है। हिंदू पंचांग के अनुसार खरमास 14 दिसंबर 2021 दिन गुरुवार से शुरू हुआ था और ये 14 जनवरी दिन शुक्रवार को समाप्त होगा।
खरमास में क्यों नहीं होते शुभ कार्य
ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक बृहस्पति की राशि धनु है। और सूर्यदेव जब भी देवगुरु बृहस्पति की राशि यानी धनु में भ्रमण करते हैं तो मनुष्य के लिए यह समय अच्छा नहीं माना जाता है। यही वजह है कि खरमास में समस्त मांगलिक कार्य को करना वर्जित माना जाता है। खरमास या मलमास में शुभ कार्य नहीं करने के पीछे एक और पौराणिक वजह है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, खरमास के दौरान सूर्य की चाल धीमी पड़ जाती है, इसलिए इस दौरान किया गया कोई भी कार्य शुभ फल प्रदान नहीं करता है। यही वजह है कि बड़े शुभ कार्य इन दिनों में स्थगित कर दिए जाते हैं।
इसे क्यों कहते हैं खरमास
हिन्दू धर्म की मान्यता है कि सूर्य अपने सात घोड़ों के रथ पर सवार होकर लगातार ब्रह्मांड की परिक्रमा करते हैं, और इस दौरान वो कभी रुकते नहीं हैं। पौराणिक कथाओं के मुताबिक ऐसे ही साल भर के भ्रमण में जब सूर्यदेव ने देखा तो उनके घोड़े थक गये हैं, तो वो उन्हें पानी पिलाने एक तालाब के किनारे ले गये। लेकिन सूर्यदेव का रथ तो रुक नहीं सकता था, क्योंकि इससे दिन और रात का क्रम ही रुक जाता। ऐसे में उन्होंने तालाब के पास मौजूद दो खर (गधे) को अपने रथ में लगा दिया और घोड़ों को वहीं छोड़कर परिक्रम पर निकल गये। लेकिन गधों की वजह से रथ की गति बहुत कम हो गई और सर्यदेव बड़ी मुश्किल से एक महीने का चक्र पूरा कर पाए। इसके बाद उन्होंने वापस घोड़ों को अपने रथ में जोता और पुरानी गति से भ्रमण करने लगे। यही क्रम हर साल चलता रहता है, और इसलिए इस एक महीने को खरमास कहा जाता है।