Principal administrative committee will work in the panchayats of madhya pradesh till the elections are held: digi desk/BHN/भोपाल/प्रदेश में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव निरस्त होने के बाद पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग ने पंचायतों में कार्यों के संचालन के लिए प्रधान प्रशासकीय समिति की व्यवस्था लागू कर दी है। जनपद और जिला पंचायत स्तर पर भी यही व्यवस्था रहेगी। इसमें संयुक्त हस्ताक्षर से बैंक खातों का संचालन किया जाएगा।
प्रदेश में मार्च, 2020 में ही 22, 604 पंचायतों में सरपंच और पंच का कार्यकाल पूरा हो चुका है। इसी तरह 841 जिला और 6774 जनपद पंचायत सदस्यों का कार्यकाल समाप्त हो गया है। नियमानुसार यहां चुनाव हो जाने चाहिए थे पर किसी न किसी कारण से ये टलते रहे हैं।
राज्य निर्वाचन आयोग ने जनवरी में चुनाव कराने की तैयारी की थी लेकिन ये भी नहीं हो पाए। आदर्श आचार संहिता भी समाप्त हो चुकी है। पंचायतों में कार्य प्रभावित न हों इसके लिए पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग ने पूर्व सरपंच को ही प्रधान बनाकर अधिकार दिए हैं। इसके लिए प्रशासकीय समिति बनाने की व्यवस्था बनाई है। पंचायत सचिव और प्रधान प्रशासकीय समिति के संयुक्त हस्ताक्षर से पंचायत के खातों का संचालन किया जाएगा।
नरेंद्र कुमार को बनाया लोक निर्माण विभाग का प्रभारी प्रमुख अभियंता
अखिलेश अग्रवाल के सेवानिवृत होने के तीन दिन बाद सरकार ने मंगलवार को नरेंद्र कुमार को लोक निर्माण विभाग का प्रभारी प्रमुख अभियंता बनाया है। वे मुख्य अभियंता हैं और अभी परियोजना क्रियान्वयन इकाई (पीआइयू) के प्रभारी परियोजना संचालक हैं। लोक निर्माण विभाग में प्रमुख अभियंता बनाने को लेकर काफी समय से कवायद चल रही थी। दरअसल, पदोन्नति नहीं होने के कारण अखिलेश अग्रवाल के सेवानिवृत होने के बाद विभाग में पीसी बारस्कर और आरके मेहरा ही प्रमुख अभियंता वेतनमान के अधिकारी हैं। मेहरा कमल नाथ सरकार में प्रमुख अभियंता रहे हैं। वहीं, बारस्कर विभाग के सचिव हैं।
नरेंद्र कुमार भी प्रमुख अभियंता पद के वेतनमान में पदोन्नत होने की पात्रता रखते हैं लेकिन प्रतिबंध होने की वजह से पदोन्नति नहीं हो रही है। इसे ध्यान में रखते हुए लोक निर्माण विभाग ने उन्हें प्रभारी प्रमुख अभियंता पदस्थ किया है। वहीं, सड़क विकास निगम में पदस्थ मुख्य अभियंता जीपी मेहरा को परियोजना क्रियान्वयन इकाई का प्रभारी परियोजना संचालक बनाया गया है।