KANPUR ENCOUNTER:कानपुर/ बहुचर्चित बिकरू कांड (bikeru scandal ) में पुलिस व जिला प्रशासन के अधिकारियों की मिलीभगत का काला सच सामने आया है. विकास दुबे की काली कमाई के साम्राज्य को बढ़ाने में इनका भी हाथ था. दरअसल कानपुर के बहुचर्चित बिकरू कांड (Vikas Dubey Case) की जांच के लिये गठित तीन सदस्यीय विशेष जांच दल (एसआइटी) ने अपनी जांच रिपोर्ट उत्तर प्रदेश के गृह विभाग को सौंप दी है जिसमें 80 से अधिक पुलिस, प्रशासनिक अधिकारियों और कर्मियों को दोषी ठहराया गया है.
एसआइटी ने करीब 3500 पन्नों की जांच रिपोर्ट शासन को सौंप दी है. जांच रिपोर्ट के करीब 700 पन्ने मुख्य हैं, जिनमें दोषी पाए गए अधिकारियों और कर्मियों की भूमिका के अलावा करीब 36 संस्तुतियां शामिल हैं. गृह विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बृहस्पतिवार को बताया कि शासन को बिकरू कांड की एसआईटी की रिपोर्ट मिल गयी है, इस पर शीघ्र कार्रवाई की जाएगी.
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार कानपुर के बहुचर्चित बिकरू कांड में पुलिस और जिला प्रशासन के अधिकारियों के बीच संबंधों की बात सामने आई है. उन्होंने कहा कि इस जांच में यह भी बात सामने आयी है कि पुलिस के ही लोग आरोपी विकास दुबे के लिए मुखबिरी करते थे और घटना की रात विकास को मालूम था कि उसके घर पर पुलिस की छापेमारी होने वाली है. अपर मुख्य सचिव संजय भूसरेड्डी की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय विशेष जांच दल का गठन किया गया था. सूत्रों का कहना है कि एसआइटी की जांच में विकास दुबे के घर पुलिस टीम के दबिश देने की सूचना पहले ही लीक कर दिए जाने से जुड़े कई तथ्य उजागर हुए हैं.
विकास को बचाने तीन गाड़ियों से निकले थे उसके साथी
पिछले दिनों एक खबर आई थी कि विकास दुबे की उज्जैन में हुई गिरफ्तारी के बाद उसे पुलिस के बचाने की पूरी योजना तैयार करने का काम किया गया था. विकास को बचाने के लिए जय वाजपेयी ने प्लानिंग तैयार की थी. इसके लिए तीन कार उसने मंगाया था जिसमें अपने दोस्तों के साथ वह विकास को बचाने निकला था. बताया जा रहा है कि तीन गाडियों में (फॉर्च्यूनर, ऑडी और वेरेना जैसी गाड़ियां) उसे बचाने के लिए जय निकला तो था लेकिन जब विजयनगर में उसने पुलिकर्मियों का पहरा देखा और सुरक्षा देखी तो विजय नगर से ही वह भाग खडा हुआ. विकास की मदद के लिए रवाना हुई यह तीनों कार मिल गयी है.