MIG-21 fighter aircraft of indianair force crashed near jaisalmer: digi desk /BHN/जयपुर/भारतीय वायुसेना का एक मिग-21 लड़ाकू विमान शुक्रवार शाम को राजस्थान के जैसलमेर के पास दुर्घटनाग्रस्त हो गया। सूत्रों के अनुसार पायलट की तलाश जारी है। भारतीय वायुसेना ने अपने बयान में कहा कि आज शाम करीब साढ़े आठ बजे भारतीय वायुसेना का एक मिग-21 विमान ट्रेनिंग के दौरान पश्चिमी सेक्टर में दुर्घटना का शिकार हो गया। आगे की जानकारी की प्रतीक्षा है। जांच के आदेश दे दिए गए हैं। वायुसेना ने पायलट की हालत के बारे में कुछ भी टिप्पणी नहीं की।
समाचार एजेंसी पीटीआइ के अनुसार इस बीच सैम थाने के एसएचओ दलपत सिंह ने कहा कि विमान सुदासरी के पास रेत के टीलों में दुर्घटनाग्रस्त हो गया। पायलट के बारे में कोई जानकारी नहीं है, लेकिन हमें दुर्घटनास्थल के पास मांस के कुछ टुकड़े मिले हैं। जैसलमेर के एसपी अजय सिंह ने बताया कि सैम थाना क्षेत्र के डेजर्ट नेशनल पार्क इलाके में विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया। एसपी ने कहा कि स्थानीय पुलिस मौके पर पहुंच गई और वह भी दुर्घटनास्थल पहुंचने वाले हैं।
पहले भी मिग-21 विमान दुर्घटनाग्रस्त हुए हैं
बता दें कि यह पहली बार नहीं है जब मिग-21 विमान दुर्घटनाग्रस्त हुआ है। इससे पहली इसी साल अगस्त में मिग-21 बाइसन विमान राजस्थान के बाड़मेक जिले में दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। मार्च 2021 में ग्वालियर एयरबेस पर एक मिग-21 विमान दुर्घटनाग्रस्त हुआ था। साल 2019 सितंबर में महाराजपुरा वायुसेना स्टेशन से उड़ान भरने के बाद चौधरी का पुरा गांव में दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। हादसे में बालाकोट एयर स्ट्राइक में शामिल रहे ग्रुप कैप्टन यशपाल सिंह नेगी और स्कवाड्रन लीडर शिवानंद घायल हो गए थे। हादसे की जांच का आदेश दिया गया था।
मिग-21 विमानों के बारे में जानें
बता दें कि भारतीय वायुसेना के बेड़े में मिग-21 विमान पहली बार वर्ष 1960 में शामिल हुए थे। अब इसके अपडेटेड वर्जन मिग 21 बाइसन का प्रयोग होता है। इसमें एक बड़ा सर्च एंड ट्रैक रडार लगा है। इससे नियंत्रित मिसाइल संचालित होते हैं, जो बीवीआर तकनीक का इस्तेमाल से गाइडेड मिसाइलों का रास्ता तय करते हैं। यह इसे घातक लड़ाकू विमान की युद्ध क्षमता के काबिल बनाता है। इन लड़ाकू विमानों में इस्तेमाल किए गए इलेक्ट्रानिक और इसकी काकपिट उन्नत किस्म की होती है।
CDS रावत का हैलिकाप्टर क्रैश
गत आठ दिसंबर को तमिलनाडु के कुन्नुर में एमआई-17 वी5 हेलीकाप्टर क्रैश में भारत के पहले चीफ आफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) और उनकी पत्नी मधुलिका रावत सहित इसमें सवार 14 लोगों में से 13 लोगों की मौत हो गई थी। इसमें एक मात्र जीवित बचे ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह की एक हफ्ते बाद इलाज के दौरान मौत हो गई थी।