Panama papers leak aishwarya rai bachchan was questioned by ed for six hours know what happened: digi desk/BHN/नई दिल्ली/पनामा पेपर्स मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने अभिनेत्री ऐश्वर्या राय बच्चन से छह घंटे तक पूछताछ की। दिल्ली के जामनगर हाऊस स्थित ईडी दफ्तर में ऐश्वर्या राय बच्चन से ब्रिटिश वर्जिन आइलैंड स्थित कंपनी के बारे में कई सवाल पूछे गए। अमीक प्रमोटर्स नाम की इस कंपनी में वह निदेशक रही हैं। वैसे यह कंपनी 2005 में खुलने के बाद 2008 में बंद भी हो गई थी।
ब्रिटिश वर्जिन आइलैंड स्थित कंपनी को लेकर पूछे गए सवाल
ED के उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार ऐश्वर्या राय से अमीक प्रमोटर्स प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के स्वामित्व को लेकर पूछताछ की गई। इसके साथ ही कंपनी के साल 2005 से लेकर साल 2008 तक सालाना टर्नओवर और बैंक अकाउंट से संबंधित जानकारी भी मांगी गई। वैसे ईडी पहले ही इस कंपनी से जुड़े तमाम दस्तावेज आधिकारिक चैनल से मंगा चुका है इन दस्तावेजों से ऐश्वर्या राय का आमना-सामना भी करवाया गया। साथ ही, कंपनी अभिनेत्री के माता-पिता और भाई भी शेयरहोल्डर थे। इसको लेकर भी सवाल किये गए।
फिर से पूछताछ के लिए बुलाया जा सकता है
ईडी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि मूल रूप से इस कंपनी को ऐश्वर्या राय के पिता ने बनाई थी और उन्होंने ही अपनी पत्नी, बेटे और बेटी को इसका शेयर होल्डर बना दिया था। ऐश्वर्या राय के पिता का निधन हो चुका है। ईडी यह जानना चाहता है कि विदेश में कंपनी खोलने के लिए पैसा कहां से आया और कंपनी से हुई आमदनी का असली लाभार्थी कौन रहा।
बताया जाता है कि ऐश्वर्या राय ने ईडी के सामने कंपनी और उस दौरान अपनी आमदनी के दस्तावेज पेश किया। वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि इन दस्तावेजों की पड़ताल के बाद अभिनेत्री को फिर से पूछताछ के लिए बुलाया जा सकता है।
क्या है पनामा पेपर लीक मामला
ध्यान देने की बात है कि 2016 में पनामा पेपर्स लीक मामले में लगभग 500 भारतीयों के नाम सामने आए थे, जिन्होंने टैक्स हैवन देशों में कंपनी खोली थी। उन पर टैक्स हैवन में स्थित कंपनी के मार्फत टैक्स चोरी का आरोप लगाया गया था। सरकार ने इन आरोपों की जांच के लिए उच्च स्तरीय समिति का गठन किया था, जो एक-एक मामले की पड़ताल कर रही है और उसी के आधार पर ईडी संबंधित लोगों से पूछताछ कर रहा है। इस मामले में नाम सामने आने के बाद अमिताभ बच्चन ने कहा था कि उन्होंने भारतीय नियमों के तहत ही विदेश में पैसा भेजा है। पनामा पेपर्स में जिन कंपनियों का नाम सामने आया था, उनके साथ किसी तरह के संबंध होने से भी उन्होंने इन्कार किया था।