कटनी, भास्कर हिंदी न्यूज़/ फर्जी शादी का झांसा देकर रुपये लेकर चंपत होने वाले गिरोह का पुलिस ने पर्दाफाश किया है। दूल्हा शादी का इंतजार करता रह गया। बारात के एक दिन पहले दुल्हन परिवार सहित फरार हो गई। पुलिस शादी का झांसा देकर रुपये हड़पने वाले गिरोह के चार सदस्यों को गिरफ्तार किया है। पकड़े गए सदस्यों में दुल्हन की फर्जी मां, फर्जी मामा सहित दो दलाल शामिल हैं, जबकि दुल्हनें फरार बताई जा रही है। ठगी करने वाले एक गिरोह ने दूल्हे के परिवारों से 2 लाख 26 हजार रुपए एडवांस में ले लिए थे और बारात आने के एक दिन पहले फरार हो गए थे। पुलिस फरार दुल्हन की तलाश में जुटी हुई है।
पुलिस अधीक्षक सुनील कुमार जैन ने बताया कि कैमोर थाना अंतर्गत बड़ारी गांव निवासी 76 वर्षीय वृद्ध जगदंबा प्रसाद दीक्षित ने शिकायत दर्ज कराते हुए बताया कि उनके दो बेटे बसंत लाल दीक्षित और राजेश दीक्षित शादी के लिए सतना निवासी अरुण कुमार तिवारी और मनसुख रैकवार से मिले। उन्होंने ने उन्हें सतना जिले के सिंधी कैंप में रहने वाली बबीता तिवारी की दो बच्चियों के विषय में बताया था। उन्हें बताया कि बच्ची के पिता नहीं हैं और आर्थिक स्थिति भी ठीक नहीं है। वह 23 अक्टूबर 2021 को सतना गए और बबीता तिवारी से मिले और उनकी लड़कियों साधना तिवारी और शिवानी तिवारी को पसंद भी कर लिया। बाद में उनके गांव बड़ारी बबीता तिवारी कथित मामा केशव, दीपक कथित भाई बनकर पहुंचे और 29 नवंबर की तारीख तय हुई। 11 नवंबर को केशव और भाई बने दीपक ने शादी के आयोजन में सहयोग के नाम पर कैमोर आकर 60 हजार रुपये नगद लिए इसके बाद 50 हजार रुपये बबीता तिवारी के सतना जिले के बैंक ऑफ बड़ोदा बैंक के खाते में जमा करा लिए। बारात निकलने के एक दिन पहले 28 नवंबर को बबिता तिवारी ने मोबाइल पर दीक्षित परिवार को जानकारी दी कि जेठ की मृत्यू हो गई है। उनके दुख में शामिल होने के लिए सतना पहुंचा तो पता चला कि जिस मकान में बबीता तिवारी से मुलाकात हुई थी वह मकान किराए का था उसे वह एक माह पहले खाली कर चुकी है। वह बबिता तिवारी की लड़कियां भी नहीं है। दीक्षित परिवार ने खोजबीन शुरु की तो उन्हें सतना में ही बबिता तिवारी और उसके गिरोह का शिकार एक अन्य ब्राम्हण परिवार भी मिला। उमरिया जिले के अमरपुर निवासी राकेश पाठक और धनवाली निवासी रमाकांत उपाध्याय ने उन्हें बताया कि 29 नवंबर के लिए बबिता तिवारी ने अपनी बेटी शिवानी तिवारी की शादी उनके भाई रामकिशोर उपाध्याय के बेटे विनोद से तय की थी। साथ ही 86 हजार रुपये नकद और 30 हजार रुपए बैंक खाते में जमा कराए थे। इस जानकारी के बाद दोनों परिवार को अपने साथ शादी का प्रलोभन के नाम ठगी होने की बात पता चली।
ब्राम्हण नहीं थे भाई मामा
पुलिस ने बताया कि बबिता तिवारी, केशव प्रसाद साकेत, अरुण कुमार तिवारी और मनसुख रैकवार को गिरफ्तार कर लिया गया था। बबिता तिवारी का भाई बनकर नेंग करने वाला मामा केशव प्रसाद का असली नाम केशव प्रसाद साकेत पिता रामसंजीवन साकेत निवासी करकोठी गांव थाना सभापुर जिला सतना है। भाई बने दीपक का नाम दीपक चौधरी पिता शिवराम चौधरी निवासी बर्ती गांव थाना रामपुर बघेलान जिला सतना है। विवाह के लिए स्वय का नेंग दस्तूर करने वाली बच्चियां साधना तिवारी पिता रमेश तिवारी निवासी टिकुरी गांव थाना कोटर जिला सतना और शिवानी त्रिपाठी पिता राकेश त्रिपाठी निवासी टिकुरी गांव थाना कोटर जिला सतना हैं।