BWF World Championship: digi desk/BHN/नई दिल्ली/ स्पेन में चल रहे विश्व बैडमिंटन चैंपियनशिप के फाइनल में भारत के किदांबी श्रीकांत पुरुषों के सिंगल्स वर्ग के फाइनल में हार गए। लेकिन रजत पदक के बावजूद वो विश्व बैडमिंटन चैंपियनशिप में ये सम्मान हासिल करनेवाले पहले भारतीय बन गये। श्रीकांत को सिंगापुर के लोह केन ने फाइनल मुकाबले में सीधे गेमों में 21-15, 22-20 से हराकर पहली बार विश्व चैंपियन बनने का गौरव हासिल किया। फाइनल मैच में संघर्षपूर्ण हार की वजह से श्रीकांत के हाथ से स्वर्ण पदक जीतने का मौका निकल गया और उन्हें रजत पदक से ही संतोष करना पड़ा। वैसे, ये रजत पदक उन्होंने शनिवार को ही सुनिश्चित कर कर लिया था।
श्रीकांत ने पहले गेम में अच्छी शुरुआत करते हुए 9-3 से बढ़त बना ली थी, लेकिन लेह ने गेम के बीच में जुझारू खेल दिखाते हुए न केवल बढ़त को खत्म कर दिया बल्कि गेम को 21-15 से जीतकर मुकाबले में 1-0 की बढ़त बना ली। दूसरे गेम में भी एक समय मुकाबला 14-14 की बराबरी पर था और श्रीकांत ने 14-16 और 18-16 से बढ़त भी बनाई, लेकिन लोह ने निर्णायक पलों में जीत दर्ज करते हुए स्कोर 20-20 से बराबर कर दिया और फिर 22-20 से बाजी अपने नाम करते हुए स्वर्ण पदक हासिल कर लिया।
इससे पहले लक्ष्य सेन ने इसी प्रतियोगिता में शनिवार को कांस्य पदक सुनिश्चित किया था। उनसे पहले एस प्रणीत ने पिछले साल और साल 1983 में प्रकाश पादुकोण ने विश्व चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीता था। बहरहाल, श्रीकांत के लिए यह उपलब्धि भी बहुत बड़ी है। और यह देश के युवाओं को बैडमिंटन खेल चुनने के लिए प्रेरित करेगी।