Winter session will start in madhya pradesh legislative assembly from today: digi desk/BHN/भोपाल/ भारत के पहले चीफ आफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत सेना के शौर्य का प्रतीक थे। भारतीय सेना को हर चुनौती से निपटने के लिए सक्षम बनाने का उन्होंने काम किया। उनका साफ मत था कि हम किसी को छेड़ेंगे पर कोई छेड़ेगा तो छोड़ेंगे नहीं। उनके हेलिकाप्टर हादसे में निधन से देश की अपूरणीय क्षति हुई है। यह बात मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सदन में दिवंगतों को श्रद्धांजलि देते हुए कही। वहीं, नेता प्रतिपक्ष कमल नाथ ने कहा कि उनका रक्षा मंत्रालय में भी सब सम्मान करते थे। वे सबको प्रभावित करते थे।
विधानसभा के शीतकालीन सत्र की शुरुआत में सदन ने दिवंगतों को श्रद्धांजलि दी। विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम ने भूतपूर्व विधानसभा सदस्य नानालाल पाटीदार, मूलचंद खंडेलवाल, गोदिल प्रसाद अनुरागी, शिव चरण पाठक, चंद्रदर्शन गौड़, डा.रानी दुबे, आस्कर फर्नाडिस, डा.एसएन सुब्बाराव, डा.एनपी मिश्रा, भारत के चीफ आफ डिफेंस स्टाफ बिपिन रावत सहित हेलिकाप्टर दुर्घटना में शहीद अन्य सैन्य अधिकारी और कश्मीर के सोपिया में आतंकियों से मुठभेड़ में शहरी जवान के निधन का उल्लेख किया। सदन के नेता मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि जनरल बिपिन रावत के साथ उनकी पत्नी, ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह, जितेंद्र वर्मा सहित अन्य का निधन हुआ। सेना के साथ-साथ देश की बड़ी क्षति हुई है। डा.सुब्बाराव महात्मा गांधी के सच्चे अनुयायी थे।
जौरा में गांधी सेवा आश्रम की स्थापना की। दस्युओं का आत्मसमर्पण कराने में उनका बड़ा योगदान था। डा.एनपी मिश्रा भरोसे का दूसरा नाम थे। जब कोई उन्हें दिखा लेता था तो निश्चिंत हो जाता था। गांधी मेडिकल कालेज उनके बिना अधूरा है। चिकित्सा जगत में वे ऐसा नाम थे, जिनको कोई भुला नहीं सकता है। नेता प्रतिपक्ष ने दिवंगतों को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि दो-तीन बार जनरल रावत से मिलने का मौका मिला। वे बेहद सरल और साफ बात करने वाले व्यक्ति थे। वे मध्य प्रदेश के दामाद थे। रक्षा मंत्रालय में सब उनका सम्मान करते थे। निधन उल्लेख के बाद सदन ने दो मिनट का मौन रखकर दिवंगतों को श्रद्धांजिल दी और फिर कार्यवाही मंगलवार सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।
उपचुनाव में निर्वाचित सदस्यों ने ली शपथ
विधानसभा की कार्यवाही प्रारंभ होते ही उपचुनाव में निर्वाचित डा.शिशुपाल यादव (पृथ्वीपुर), कल्पना वर्मा (रैगांव) और सुलोचना रावत (जोबट) को शपथ दिलाई गई। सदस्यों की नामावली में हस्ताक्षर के बाद तीनों ने सदन में अपना स्थान ग्रहण किया।