newdelhi/ पूर्वी लद्दाख (LAC, Ladakh) में सैनिकों के पीछे हटने की प्रक्रिया को लेकर भारत और चीन (India-China Face Off) के बीच कोर कमांडर स्तर की आठवें दौर की वार्ता 6 नवंबर को होने की उम्मीद है. आपको बता दें कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Defence Minister Rajnath Singh) पहले ही कह चुके हैं कि भारत, चीन (India-China tension) के साथ लगती सीमा पर तनाव को खत्म करना और शांति बहाल करना चाहता है लेकिन भारत के सशस्त्र बल (Security Forces) देश की भूमि का एक इंच भी किसी को छिनने नहीं देंगे.
आधिकारिक सूत्रों ने भारत और चीन के बीच आठवें दौर की बातचीत की जानकारी दी है. इससे पहले सातवें दौर की सैन्य वार्ता 12 अक्टूबर को हुई थी जिसमें पूर्वी लद्दाख में टकराव के बिंदुओं से सैनिकों के पीछे हटने को लेकर कोई नतीजा नहीं निकला था. एक सूत्र ने बताया कि आठवें दौर की सैन्य वार्ता शुक्रवार को होने की उम्मीद है.
लेफ्टिनेंट जनरल पी जी के मेनन करेंगे अगुवाई : दोनों पक्षों के बीच इस साल मई में गतिरोध के हालात बने थे. काफी ऊंचाई वाले क्षेत्र में सर्दियों के दौरान तापमान शून्य से 25 डिग्री सेल्सियस तक नीचे चला जाता है. आठवें दौर की सैन्य वार्ता में भारतीय प्रतिनिधिमंडल की अगुवाई लेफ्टिनेंट जनरल पी जी के मेनन करेंगे जो हाल में लेह की 14वीं कोर के कमांडर नियुक्त किये गये हैं.
पहले भी हुई है बातचीत : यदि आपको याद हो तो पिछले दौर की बातचीत के बाद दोनों देशों की सेनाओं की ओर से जारी किए गए संयुक्त प्रेस वक्तव्य में कहा गया था कि दोनों पक्षों ने सैन्य एवं राजनयिक माध्यमों से संवाद कायम रखने पर सहमति जताई हैं ताकि गतिरोध को खत्म करने के लिए जल्द से जल्द कोई साझा स्वीकार्य समाधान निकालने का काम किया जा सके. सैन्य वार्ता के छठे चरण की बातचीत के बाद दोनों पक्षों ने कुछ फैसलों की घोषणा की थी. इसके तहत अग्रिम मोर्चे पर और सैनिकों को नहीं भेजने, एकतरफा तरीके से जमीनी हालात बदलने से परहेज करने और हालात को जटिल बनाने वाली किसी भी कार्रवाई से परहेज की बात की गयी थी.