Paush Month: digi desk/BHN/नई दिल्ली/ पंचांग के अनुसार वर्ष के दसवें महीने को पौष माह कहा जाता है। विक्रम संवत में पौष दसवां महीना होता है। जिस मास की पूर्णिमा को चांद जिस नक्षत्र में रहता है। उस मास का नाम उस नक्षत्र के आधार पर रखा गया है। पौष मास की पूर्णिमा को चंद्रमा पुष्य नक्षत्र में रहता है। इस लिए इस मास को पौष का मास कहा गया है। साल 2021 में पौष मास 20 दिसंबर से शुरू होकर 17 जनवरी 2022 को समाप्त होगा।
शास्त्रों के अनुसार सूर्य देव के भग नाम से इस महीने पूजन करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है। भग को धर्म, यश, श्री, ज्ञान और वैराद्य कहा गया है। वहीं मान्यता है कि इस मास में मांगलिक काम नहीं करना चाहिए। उनका लाभ नहीं मिलता। पौष मास में सूर्य धनु राशि में गोचर करते हैं। धनु के स्वामी बृहस्पति माने गए हैं। मान्यता है कि देव गुरु इस समय देवताओं सहित सभी मनुष्यों को ज्ञान देते हैं।
ऐसे करें पौष मास में सूर्य देव की आराधना
सुबह जल्द उठकर स्नान करें। ताम्बे के पात्र में जल लें। उसमें लाल चंदन या कुंकुम, लाल फूल डालकर मंत्र ऊं सूर्या नमः का जाप कर जल सूरज को अर्पित करें।
पौष मास ध्यान रखें ये बात
1. खाने में मेवे का इस्तेमाल करें।
2. गुड का सेवन करें।
3. अजवाइन, लौंग, अदरक और घी का इस्तेमाल लाभकारी होता है।
4. इस महीने लाल और पीले रंग के वस्त्र पहने।
5. घर में कपूर की सुगंध का प्रयोग करें।