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विवाह पंचमी पर करे केले के पेड़ की पूजा, 2 शुभ योगों का हो रहा निर्माण, मिलेगी असीम कृपा

 विवाह पंचमी महत्वपूर्ण हिंदू पर्व है जो प्रति वर्ष मार्गशीर्ष मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाई जाती है। यह पर्व विवाह की संस्कृति और परंपराओं को महत्त्व देता है और विवाहित जोड़ों के लिए शुभ और मांगलिक माना जाता है। हिंदू धर्म में विवाह पंचमी का महत्व भगवान राम और माता सीता के विवाह के उत्सव के रूप में माना जाता है। त्रेता युग में इसी दिन भगवान राम ने सीता माता से विवाह किया था। फिलहाल, इस साल के सभी व्रत-त्योहार लगभग खत्म हो चुके हैं, लेकिन साल का अंतिम त्योहार विवाह पंचमी अभी भी बाकी है, जिसकी तारिख को लेकर लोगों के मन में संशय बनी हुई है। मिथिला और नेपाल में इस त्योहार का विशेष महत्व है।

इस दिन को उनकी प्रेम की अद्भुत कहानी और उनके विवाह के महत्त्व को याद करते हुए मनाया जाता है। इस दिन को विवाह पंचमी के रूप में मनाने से संतान सुख, परिवार की समृद्धि और पति-पत्नी के बीच प्रेम का प्रतीक माना जाता है।

शुभ मुहूर्त

वैदिक पंचांग के अनुसार, विवाह पंचमी 5 दिसंबर को सुबह 12 बजकर 39 मिनट पर शुरू होगा, जिसका समापन 6 दिसंबर सुबह 12 बजकर 07 मिनट पर होगा। उदय तिथि के अनुसार, यह त्योहार 6 दिसंबर 2024 को मनाई जाएगी। ज्योतिष शास्त्रों के अनुसार, इस दिन ध्रुव योग का निर्माण हो रहा है। इसके अलावा, सर्वार्थ सिद्धि योग और शिववास योग का भी निर्माण होने वाला है। इसलिए यह दिन बेहद शुभ होने वाला है।
शुभ योग

इस साल विवाह पंचमी के शुभ अवसर पर दो योग का निर्माण हो रहा है। जिनमें पहला सर्वार्थ सिद्ध योग है। तो वहीं दूसरा रवि योग्य जो की सुबह 7:00 से लेकर शाम 5:18 बजे तक रहेगा। वहीं, रवि योग 5:18 से शुरू होकर अगले दिन 7 दिसंबर को सुबह 7:01 तक रहेगा।इस दिन केले के पेड़ की पूजा करनी चाहिए। इससे जीवन में सुख और समृद्धि आता है। यह उन कन्याओं के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है, जो विवाह के योग्य है। केले के पेड़ भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी का प्रतीक माने जाते हैं।

ऐसे करें पेड़ की पूजा

    सबसे पहले आपको केले के पेड़ के आसपास की जगह साफ करनी है।
    इसके बाद आप इस पर गंगा जल भी छिड़क सकते हैं।
    अब इस पेड़ पर पीले रंग का धागा बांध दें।
    फिर हल्दी और चंदन से तिलक लगाएं।
    पूजा की शुरुआत करते हुए फूल अर्पित करें।
    फिर धूप बत्ती और घी का दीपक जलाएं।
    इसके बाद, भगवान श्री राम के मंत्रों का जाप करें।
    पेड़ों के आसपास अक्षत, पंचामृत, सुपारी, लौंग, इलायची और अन्य पूजन सामग्री रखें।
    पूजा के आखिर में केले के पेड़ की 21 बार परिक्रमा करें।

जनकपुर में भव्य आयोजन

हर साल जनकपुर में विवाह पंचमी के खास अवसर पर भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है। इसे लेकर राम जन्म भूमि ट्रस्ट के प्रमुख संपत राय ने जानकारी देते हुए बताया कि इस साल इस खास मौके पर 5 लाख पर बारातियों के आने की उम्मीद है। इसके लिए पुलिस प्रशासन ने तैयारियां तेज कर दी है। सुरक्षा का खास ख्याल रखा जाएगा। इस साल बारात के साथ 600 विशेष मेहमानों का स्वागत किया जाएगा।

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