NTAGI meeting additional dose of anti is different from a booster dose: digi desk/BHN/नई दिल्ली/ देश में कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रोन की दस्तक के बीच कुछ विशेषज्ञों की ओर से कोविड रोधी वैक्सीन के बूस्टर डोज की जरूरत पर जोर दिया जाने लगा है। समाचार एजेंसी पीटीआइ की रिपोर्ट के मुताबिक टीकाकरण पर राष्ट्रीय तकनीकी सलाहकार समूह की छह दिसंबर को होने एक बैठक होने वाली है। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि इस बैठक में कमजोर प्रतिरक्षा वाले व्यक्तियों को कोविड-19 रोधी वैक्सीन की ‘अतिरिक्त’ खुराक देने के मुद्दे पर विचार-विमर्श किया जाएगा। अधिकारियों का कहना है कि टीके की यह अतिरिक्त खुराक बूस्टर डोज से अलग होती है।
अधिकारियों ने बताया कि जब प्राथमिक टीकाकरण के बाद पर्याप्त प्रतिरक्षा नहीं बन पाती है तो एक व्यक्ति को एक पूर्वनिर्धारित अवधि के बाद बूस्टर खुराक दी जाती है जबकि अतिरिक्त खुराक बीमार व्यक्तियों को दी जाती है। हाल ही में सीरम इंस्टीट्यूट आफ इंडिया (एसआईआई) ने ड्रग रेगुलेटर से कोविड-19 संक्रमण के खिलाफ बूस्टर डोज के रूप में कोविशील्ड को दिए जाने की मंजूरी मांगी थी। यही नहीं 29 नवंबर के अपने बुलेटिन में भारतीय SARS-CoV-2 कंसोर्टियम आन जीनोमिक्स यानी इंसाकाग (INSACOG) ने उच्च जोखिम के क्षेत्रों में आने वाले 40 साल से अधिक उम्र के लोगों को प्राथमिकता के साथ COVID-19 टीकों की बूस्टर खुराक की सिफारिश की थी।
यही नहीं बीते शुक्रवार को केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री मनसुख मांडविया ने कहा था कि देशवासियों को कोविड रोधी वैक्सीन की बूस्टर या तीसरी अतिरिक्त खुराक देने और 18 साल से कम उम्र के बच्चों के टीकाकरण पर फैसला वैज्ञानिकों और विशेषज्ञों की सलाह के आधार पर लिया जाएगा। उन्होंने बताया था कि देश के वैज्ञानिक इस मुद्दे पर गहन विचार कर रहे हैं। वैज्ञानिक और विशेषज्ञ जैसा तय करेंगे उनकी सिफारिश के आधार पर ही सरकार आगे कदम बढ़ाएगी। देश के वैज्ञानिकों ने महामारी की समस्या पर पहले भी अपनी क्षमता साबित की है।