Booster Dose for Corona Variant : digi desk/BHN/नई दिल्ली/ दुनिया भर में कोरोना वायरस के नये वेरिएंट ओमिक्रॉन के खतरे को देखते हुए सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया ने बूस्टर डोज़ के लिए ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) से मंज़ूरी मांगी है। कोरोना वायरस वैक्सीन निर्माता कंपनी SII ने अपनी वैक्सीन कोविशील्ड का बूस्टर डोज़ यानी तीसरी खुराक के तौर पर इस्तेमाल किये जाने की अनुमति मांगी है। कंपनी ने DGCI को भेजे अपने आवेदन में कहा है कि देश में कोविशील्ड वैक्सीन की पर्याप्त डोज़ मौजूद है और नए कोरोना वायरस के वेरिएंट के खतरे को देखते हुए बूस्टर डोज़ की मांग भी हो रही है। कंपनी ने दलील दी है कि यूके की मेडिसिन और हेल्थकेयर प्रोडक्ट्स रेगुलेटरी एजेंसी ने पहले ही एस्ट्राजेनेका ChAdOx1 nCoV-19 वैक्सीन को बूस्टर डोज़ के तौर पर मान्यता दे दी है।
आवेदन में कहा गया है कि दुनिया महामारी से जूझ रही है और कई देशों ने कोरोना के बूस्टर डोज़ लगाने शुरू कर दिए हैं। ये वक्त की मांग है और हर नागरिक के स्वास्थ्य का अधिकार भी कि वो महामारी की स्थिति में बूस्टर डोज़ से वंचित न रहे। आपको बता दें कि स्वास्थ्य मंत्रालय ने देश में बूस्टर डोज की जरुरत के बारे में अभी कोई निर्देश जारी नहीं किया है। वैसे केंद्र सरकार ने संसद में इस बात की जानकारी दी है कि टीकाकरण पर राष्ट्रीय तकनीकी सलाहकार समूह (नेशनल टेक्निकल एडवाइज़री ग्रुप ऑन इम्युनाइज़ेशन) और कोविड वैक्सीन पर राष्ट्रीय विशेषज्ञ समूह (नेशनल एक्सपर्ट ग्रुप ऑन वैक्सीन एडमिनिस्ट्रेशन फोर कोविड 19) बूस्टर डोज़ की ज़रूरत और औचित्य को लेकर वैज्ञानिक प्रमाणों पर विचार-विमर्श कर रहे हैं।
हाल ही में सीरम इंस्टीट्यूट के CEO अदार पूनावाला ने कहा था कि ओमिक्रॉन वेरिएंट से निपटने के लिए सीरम इंस्टीट्यूट, कोविशील्ड का बूस्टर डोज बना सकता है। पूनावाला के मुताबिक बूस्टर डोज दूसरी डोज के 6 महीने बाद लगाई जा सकेगी। उधऱ, जापान ने ओमिक्रॉन से निपटने के लिए बूस्टर डोज लगाना शुरू किया है। ब्रिटेन ने भी अपने 18 से 39 उम्र के सभी नागरिकों को बूस्टर डोज देने की शुरुआत कर दी है।