CM gives assurance of strict action after bottles of liquor were found in assembly campus despite ban on liquor: digi desk/BHN/ एक तरफ बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पूरे प्रदेश में शराबबंदी को सख्ती से लागू करने का प्रयास कर रहे हैं, दूसरी ओर उनकी कोशिश किसी भी तरह कामयाब होती नहीं दिख रही। मंगलवार को बिहार विधानसभा में उस समय मुख्यमंत्री के लिए शर्मनाक स्थिति पैदा हो गई, जबकि विपक्षी नेता तेजस्वी यादव ने बताया कि जिस विधानसभा में शराबबंदी का कानून बना है, उसी परिसर में शराब की बोतलें बिखरी पड़ी हैं। तेजस्वी यादव ने इससे जुड़ा एक वीडियो भी ट्वीटर पर शेयर किया। पहले तो मुख्यमंत्री ने इसे गलत बताते हुए कहा कि आप शराब को लेकर सोशल मीडिया पर कुछ भी डालेंगे तो हम नहीं पढ़ेंगे। लेकिन जब डिप्टी सीएम ने भी इसकी पुष्टि की, तो उन्होंने इस मामले की जांच के सख्त आदेश दिये। CM नीतीश कुमार ने विधानसभा में कहा, ”इस चीज़ को बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है। हम मुख्य सचिव और DGP को इस पर कार्रवाई करने के लिए कहेंगे। अगर यहां शराब की बोतल आई है, तो इसका मतलब कोई गड़बड़ कर रहा है और उसको छोड़ना नहीं चाहिए।”
इससे पहले तेजस्वी यादव ने विधानसभा परिसर में मिली शराब की बोतलों का वीडियो शेयर करते हुए ट्वीट किया और इसे शर्मनाक करार दिया। तेजस्वी यादव खुद उस जगह पर गए जहां शराब की बोतलें थी। इसके बाद उन्होंने कहा कि विधानसभा परिसर में शराब मिलना अति है। मुख्यमंत्री सह गृहमंत्री नीतीश जी को अब एक सेंकड भी सत्ता में रहने का नैतिक अधिकार नहीं है।
विपक्ष शराबबंदी को लेकर लगातार सवाल उठा रहा है। परेशानी की बात ये है कि शराबबंदी के बावजूद यहां लोग जहरीली शराब पीने से लोगों की मौत हो रही है और शराब का अवैध धंधा जोर पकड़ रहा है।हर बार एक ही सवाल पूछा जाता है कि बिहार में शराबबंदी है, तो लोगों को शराब मिलती कहां से है। लेकिन बिहार के मुख्यमंत्री इस मामले पर झुकने को तैयार नहीं हैं। सीएम ने साफ शब्दों में कहा कि बिहार में शराबबंदी कानून को सफल बनाने के लिए जो भी करना पड़े, वो करेंगे। इससे पहले नशा मुक्ति दिवस पर राज्य के सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को भी आजीवन शराब न पीने की शपथ दिलाई गई थी।