Madhya pradesh will teach energy literacy lessons to 50 lakh people in six months: digi desk/BHN/भोपाल/बिजली का दुरुपयोग रोकने के लिए मध्य प्रदेश ‘ऊर्जा साक्षरता अभियान (ऊषा)” शुरू कर रहा है। नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा विभाग ने अगले छह महीने में 50 लाख लोगों को साक्षर करने का लक्ष्य रखा है। विभाग स्कूल-कालेज के विद्यार्थियों को ब्रांड एंबेसडर बनाएगा। अभियान से जुड़ने के लिए लोगों को आनलाइन रजिस्ट्रेशन कराना होगा। उत्कृष्ट सहभागिता होने पर पुरस्कार भी मिलेगा।
अभियान में स्कूल-कालेज के विद्यार्थियों सहित जनता को ऊर्जा की महत्ता, पारंपरिक ऊर्जा से कार्बन उत्सर्जन, सौर, पवन, बायोमास के लाभ और मितव्ययिता की जानकारी दी जाएगी। लोगों को बताया जाएगा कि एक यूनिट बिजली बचाने से लगभग दो यूनिट बिजली बढ़ती है। विभाग मिशन के रूप में ऊर्जा उपयोग के प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष लाभ की जानकारी पहुंचाने और अपनाने का काम करेगा। लोगों को पोस्टर, होर्डिंग, एनीमेशन, वीडियो, सोशल मीडिया, मोबाइल एप, खुद करके देखो आदि से क्लीन ऊर्जा के संवर्धन-संरक्षण के लिए प्रेरित किया जाएगा।
मोबाइल से होगा पंजीयन
अभियान से वेब पोर्टल या मोबाइल एप के जरिए जुड़ा जा सकेगा। लोग अपनी इच्छानुसार निर्धारित पाठ्यक्रमों में से एक का चयन कर सकेंगे। प्रतिभागियों को पाठ्यक्रम डाउनलोड करने की सुविधा मिलेगी। प्रतिभागी बहुविकल्पीय प्रश्नों के उत्तर आनलाइन दे सकेगा। रेंडम आधार पर कम्प्यूटर यह प्रश्न पूछेगा। उत्तीर्ण होने पर प्रतिभागी को आनलाइन ऊर्जा साक्षरता प्रमाण पत्र दिया जाएगा। प्रतिभागियों को श्रेणी सुधार एवं अन्य उच्च स्तर पर परीक्षा में शामिल होने की सुविधा भी मिलेगी।
आंगनबाड़ी-अस्पतालों में सौर ऊर्जा
सरकार अब आंगनबाड़ी, चिकित्सा केंद्र सहित अन्य सरकारी भवनों को सौर ऊर्जा से रोशन करेगी। बड़े भवनों में ‘शून्य निवेश” आधारित ‘रेस्को” माडल पर रूफटाप संयंत्र लगाए जा रहे हैंं। तकनीकी शिक्षा विभाग के 12 संस्थानों को आफग्रिड कर पूरी तरह सौर ऊर्जा से रोशन किया जा रहा है।