Madhya pradesh shivraj government will withdraw the bill for hanging on the rape of girls: digi desk/BHN/भोपाल/12 साल या उससे कम आयु की बच्चियों के साथ होने वाले दुष्कर्म की घटनाओं पर सख्त कार्रवाई करने के लिए शिवराज सरकार ने दंड विधि (मध्य प्रदेश संशोधन) विधेयक-2017 पारित करके राष्ट्रपति को अनुमति के लिए भेजा गया था। केंद्र सरकार ने इस संबंध में केंद्रीय अधिनियम दंड विधि (संशोधन) अधिनियम 2018 में प्रविधान कर दिए हैं। इसके मद्देनजर केंद्र सरकार ने राज्य सरकार से अनुरोध किया है कि अपना संशोधन विधेयक वापस ले लें।
केंद्र सरकार द्वारा प्रविधान किए जाने के मद्देनजर विधेयक को वापस लेने के लिए मंगलवार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में होने वाली कैबिनेट बैठक में प्रस्ताव प्रस्तुत किया जाएगा। इसके अलावा नए मेडिकल कालेज भवन का निर्माण के लिए डेढ़ हजार करोड़ रुपये से अधिक की प्रशासकीय स्वीकृति को लेकर निर्णय लिया जाएगा। मंत्रालय में होने वाली कैबिनेट बैठक में आधा दर्जन से ज्यादा प्रस्तावों पर विचार किया जाएगा।
इसमें दंड विधि मध्य प्रदेश संशोधन विधेयक-2017 को केंद्र सरकार से वापस लिया जाना प्रस्तावित है। सरकार ने विधानसभा से विधेयक पारित होने के बाद राज्यपाल द्वारा इसे राष्ट्रपति की अनुमति के लिए भेजा गया था। इसमें 12 वर्ष या उससे कम आयु की बच्चियों के साथ होने वाली दुष्कर्म की घटनाओं में आरोपियों को फांसी की सजा का प्रविधान किया था। केंद्र सरकार ने इस आशय के प्रविधान केंद्रीय अधिनियम में कर दिए हैं।
इसी तरह अन्य प्रविधान भी शामिल किए गए हैं, इसलिए राज्य सरकार के प्रविधान पर राष्ट्रपति की अनुमति प्राप्त होना विधिक रूप से संभव नहीं है। इसके मद्देनजर केंद्रीय गृह मंत्रालय ने राज्य सरकार से अनुरोध किया है कि वह अपना विधेयक वापस ले ले। विधि एवं विधायी विभाग कैबिनेट से अनुमति मिलने के बाद इस संबंध में आगामी कार्यवाही करेगा।
वहीं, राजगढ़, मंडला, नीमच, मंदसौर, श्योपुर और सिंगरौली में मेडिकल कालेज भवन के निर्माण के लिए डेढ़ हजार करोड़ रुपये से अधिक की प्रशासकीय स्वीकृति के प्रस्ताव पर विचार करके निर्णय लिया जाएगा।