COVID Variant Omicron: digi desk/BHN/जोहानसबर्ग/ कोरोना वायरस के नए वेरिएंट Omicron के सामने आने के बाद दुनियाभर के देशों में हड़कंप मचा हुआ है। कोरोना वायरस का यह वेरिएंट सबसे पहले दक्षिण अफ्रीका में सामने आया है और कोरोना के इस वेरिएंट के बढ़ते प्रसार और खतरों को देखते हुए यूरोपीय यूनियन सहित दुनिया के कई देशों में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ यात्रा प्रतिबंध लगा दिए हैं, जिससे दक्षिण अफ्रीका भड़क गया है। दक्षिण अफ्रीका ने शनिवार को कहा कि नए कोरोनावायरस के नए रूपों का शीघ्रता से पता लगाने की अपनी उन्नत क्षमता के लिए उसे “दंडित” किया जा रहा है।
COVID Variant Omicron: यात्रा प्रतिबंध लगाने पर भड़का दक्षिण अफ्रीका, बोला- हमें नए वेरिएंट का जल्द पता लगाने की सजा मिली..!
दक्षिण अफ्रीका के अंतर्राष्ट्रीय संबंध और सहयोग विभाग (DIRCO) ने दुनिया के नेताओं से ओमीक्रोन वेरिएंट का पता लगाने के जवाब में बिना सोचे-समझे कोई नीतिगत निर्णय लागू नहीं करने का आग्रह किया। विभाग ने कहा कि नया यात्रा प्रतिबंध दक्षिण अफ्रीका को इसकी उन्नत जीनोमिक अनुक्रमण और नए रूपों का तेजी से पता लगाने की क्षमता के लिए दंडित कर रहा है। उत्कृष्ट विज्ञान की सराहना की जानी चाहिए, दंडित नहीं।
DIRCO के मुताबिक दूसरे देशों में भी नए वेरिएंट के मामले सामने आए हैं। इनमें से किसी भी मामले का दक्षिण अफ्रीका से कोई लेना-देना नहीं है। दक्षिण अफ्रीकी अधिकारी कह रहे हैं कि उन देशों के साथ बातचीत कर रहे हैं, जिन्होंने दक्षिण अफ्रीका की यात्रा पर प्रतिबंध लगा दिया है। दक्षिण अफ्रीका के विदेश मंत्री नलदी पंडोर ने भी दक्षिण अफ्रीका पर यात्रा प्रतिबंध लगाने के कदम के लिए ब्रिटेन और अन्य देशों की आलोचना की। दक्षिण अफ्रीका के साथ-साथ उसके पड़ोसी देशों बोत्सवाना, नामीबिया, मोजाम्बिक, जिम्बाब्वे, लेसोथो, इस्वातिनी, मलावी, जाम्बिया और अंगोला भी इन दिनों यात्रा प्रतिबंधों का सामना कर रहे हैं। उनकी अर्थव्यवस्था पर गहरा असर पड़ा है।
नए वेरिएंट के असर पर क्या बोले विशेषज्ञ
साउथ अफ्रीका में मिले कोरोना के नए वेरिएंट B.1.1.1.529 (ओमीक्रोन) को लेकर जानकारों का कहना है कि यह डेल्टा वेरिएंट की तुलना में तेजी से फैलता है और वैक्सीन से इम्युनिटी को भी मात दे सकता है। इस संबंध में अभी शोध किया जा रहा है और इसके नतीजे आने में अभी समय लग सकता है।
वहीं भारत में ICMR में महामारी विज्ञान और संचारी रोग विभाग के प्रमुख डॉ. समीरन पांडा ने कहा कि क्या कोरोना के नए वेरिएंट से मामले बढ़ रहे हैं या बीमारी के कारण अत्यधिक मौतें हो रही हैं। इन सब को ध्यान में रखते हुए WHO ने इसे वेरिएंट ऑफ कंसर्न घोषित किया है। इस वेरिएंट को लेकर अभी शोध के लायक आंकड़े जुटाए जा रहे हैं।
डॉ. समीरन पांडा ने कहा कि नए वेरिएंट में संरचनात्मक परिवर्तन देखे गए हैं, जो उच्च संचरण की संभावना का संकेत देते हैं। टीके किस तरह की प्रतिरोधक क्षमता पैदा करते हैं और वायरस कैसे व्यवहार कर रहा है, इसे सामने आने में कुछ समय लगेगा। एमआरएनए टीके स्पाइक प्रोटीन और रिसेप्टर इंटरैक्शन द्वारा निर्देशित होते हैं, इसलिए समझने के लिए भिन्नता की आवश्यकता होती है।
यदि ऐसा हुआ तो ओमीक्रोन पर काम नहीं करेगी वैक्सीन
डॉ. समीरन पांडा ने कहा कि सभी टीके एक जैसे नहीं होते। कोविशील्ड और कोवैक्सीन हमारे शारीरिक सिस्टम में एक अलग एंटीजन के प्रति प्रतिरोधक क्षमता पैदा करते हैं। वैक्सीन इस वेरिएंट पर कितनी कारगर है, यह तो कुछ समय बाद ही पता चलेगा। कुछ वायरस स्पाइक प्रोटीन द्वारा निर्देशित होते हैं जो रिसेप्टर से बंधे होते हैं। तो अगर कोई बदलाव होता है तो टीके प्रभावी नहीं हो सकते हैं।
ब्रिटिश वैज्ञानिक बोले- नया वेरिएंट कोई बड़ा संकट नहीं
वहीं ब्रिटेन के टॉप वैज्ञानिकों ने कहा कि कोरोना वायरस का नया वेरिएंट कोई बड़ा संकट नहीं है। माइक्रोबायोलॉजिस्ट प्रोफेसर कैलम सेम्पल ने कहा कि टीकाकरण से इम्युनिटी गंभीर बीमारी से बचा सकती है। ऑक्सफोर्ड वैक्सीन ग्रुप के निदेशक प्रोफेसर एंड्रयू पोलार्ड ने कहा कि यह कहना अभी बहुत जल्दबाजी होगी कि क्या नया स्वरूप वैक्सीनेशन से बचने में सक्षम होगा। इसके अलावा ब्रिटिश सरकार के वरिष्ठ सलाहकार सर जॉन बेल ने कहा कि टीका लगाए गए लोगों पर वायरस के नए रूप का प्रभाव नाक बहने और सिरदर्द से अधिक नहीं हो सकता है।
फाइजर व भारत बायोटेक बोले, वैक्सीन असर करेगी, अभी कुछ नहीं कह सकते
इधर भारत में कोरोना वैक्सीन तैयार करने वाली दवा कंपनियों फाइजर और बायोटेक ने शनिवार को कहा कि उन्हें यकीन नहीं है कि उनकी वैक्सीन कोरोना के नए संस्करण ‘ओमीक्रोन’ का इलाज करने में सक्षम है या नहीं। इसके अलावा स्पुतनिक ने कहा कि नए वेरिएंट के खिलाफ लगभग 100 दिनों में एक नया टीका विकसित कर देंगे।