Steep rise in prices of tomato reached upto 160-rs per kg in chennai: digi desk/BHN/चेन्नई/ सर्दियों के मौसम में आम तौर पर सब्जियों के भाव बढ़ जाते हैं, लेकिन इस बार टमाटर की कीमतों ने रिकॉर्ड ऊंचाई छू ली है। देश के ज्यादातर हिस्सों में टमाटर 100 रुपये प्रति किलो की दर से बिक रहा है, जबकि चेन्नई में इसका भाव 160 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गया है। एप बेस्ड ग्रॉसरी स्टोर्स में भी टमाटर 120 रुपये किलो की दर से बिक रहा है। पहले 27 किलो टमाटर की खरीद खेत से 500 रुपये में होती थी, लेकिन अब ये बढ़कर 3,000 रुपये पहुंच गई है। आम तौर पर टमाटर की कीमतें 20 से 40 रुपये प्रति किलो होती थी, लेकिन इस बार टमाटर की कीमत में रिकॉर्ड तेजी आई है। बाजार के विशेषज्ञों के मुताबिक टमाटर की कीमतें शायद ही कभी इस स्तर पर गई हैं।
कहां कितनी हुई कीमत?
सर्दियों के मौसम में 20 रुपये किलो के भाव से मिलने वाले टमाटर की कीमत कई शहरों में 100 रुपये किलो के पार पहुंच चुकी है। चेन्नई में तो टमाटर 160 रुपये किलो के भाव मिल रहा है। शहर की कोयमबेडु होलसेल मार्केट में सोमवार को डेढ़ गुना कम टमाटर की आवक हुई। पिछले 15 दिनों में यह सबसे कम आवक है। मंडावेली, मायलापुर और नंदनम के रिटेल बाजार में टमाटर 140 से 160 रुपये किलो मिल रहा है। बेंगलूरु में टमाटर की कीमत 110 रुपये किलो और प्याज की 60 रुपये किलो पहुंच गई है। इसी तरह मुंबई में प्याज 60 रुपये किलो और टमाटर 80 रुपये किलो मिल रहा है। दिल्ली में भी टमाटर की कीमत 70-100 रुपये किलो पहुंच गई है। टमाटर के सबसे बड़े उत्पादक आंध्र प्रदेश में भी इसकी कीमत 100 रुपये तक पहुंच गई है।
क्यों बढ़ रही है कीमतें?
माना जा रहा है कि आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु और कर्नाटक में भारी बारिश और बाढ़ के कारण टमाटर की फसल खराब होने से टमाटर की कीमत आसमान चढ़ रही है। दरअसल, आंध्र प्रदेश और कर्नाटक में टमाटर की खेती वाले इलाके बारिश के कारण बुरी तरह प्रभावित हुए हैं। इससे फसलों को खासा नुकसान पहुंचा है। वैसे ज्यादातर होलसेलर्स का कहना है कि पेट्रोल और डीजल की कीमतों में तेजी की वजह से सब्जियों के दाम बढ़े हैं। कम पैदावार और ज्यादा मांग के साथ-साथ ट्रांसपोर्टेशन लागत में तेजी से भी टमाटर महंगा हुआ है। थोक कारोबारियों का कहना है कि आपूर्ति में कमी और ऑनलाइन प्लेटफॉर्म द्वारा जमाखोरी के कारण भी कीमतें बढ़ी हैं।
आंध्र प्रदेश में सामान्यतया टमाटर 58 हजार से ज्यादा हेक्टेयर इलाके में उत्पादन किया जाता है और राज्य में करीब 27 लाख मीट्रिक टन टमाटर का उत्पादन होता है। चित्तूर के मदनपल्ले टमाटर का सबसे बड़ा बाजार माना जाता है। लेकिन इस साल टमाटर का सबसे ज्यादा उत्पादन करने वाले चित्तूर और अनंतपुर जिलों में बाढ़ का कहर फसलों पर देखने को मिला है।
ऐसे में उत्तर भारत में अभी ज्यादातर आपूर्ति महाराष्ट्र के सोलापुर और कर्नाटक के चिकबुल्लापुर से हो रही है। टमाटर ही नहीं प्याज और अन्य हरी सब्जियों के दाम भी तेजी से बढ़े हैं। सब्जियों में इस महंगाई को लेकर विपक्षी दलों ने सरकार पर हमले करने भी शुरू कर दिए हैं।