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MP: मध्‍य प्रदेश विधानसभा का 5 दिवसीय शीतकालीन सत्र 20 दिसंबर से 

Five day winter session of madhya pradesh legislative assembly to begin from december 20: digi desk/BHN/भोपाल/ मध्य प्रदेश विधानसभा का शीतकालीन सत्र 20 दिसंबर से प्रारंभ होगा। पांच दिवसीय इस सत्र में सरकार मौजूदा वित्तीय वर्ष के लिए द्वितीय अनुपूरक (अनुमान बजट) प्रस्तुत करेगी। इसके साथ ही भू-राजस्व संहिता में संशोधन विधेयक, मध्य प्रदेश पंचायत राज एवं ग्राम स्वराज अधिनियम में संशोधन सहित अन्य विधेयक प्रस्तुत किए जाएंगे।

विधानसभा सचिवालय ने मंगलवार को शीतकालीन सत्र की अधिसूचना जारी कर दी है। सत्र 20 से 24 दिसंबर तक चलेगा। इस दौरान प्रस्तुत होने वाले द्वितीय अनुपूरक बजट की तैयारियों को वित्त विभाग ने अंतिम रूप देना प्रारंभ कर दिया है। इसमें निर्माण सहित अन्य विभागों के लिए आवश्यक राशि का प्रविधान किया जाएगा।

पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग मध्य प्रदेश पंचायत राज एवं ग्राम स्वराज (संशोधन) अध्यादेश के स्थान पर संशोधन विधेयक प्रस्तुत करेगा। इस अध्यादेश के माध्यम से सरकार ने वर्ष 2019-20 में कमल नाथ सरकार के समय हुए पंचायतों के परिसीमन को निरस्त कर दिया है। आरक्षण व्यवस्था भी पहले की तरह रहेगी। वहीं, वाणिज्यक कर विभाग पेट्रोल और डीजल पर लगने वाले वैट टैक्स में कमी करने संबंधी संशोधन विधेयक प्रस्तुत करेगा।

अजय सिंह की मांग, रेल किराए में छूट को फिर लागू किया जाए

पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने केंद्र सरकार से बुजुर्ग (वरिष्ठ नागरिक), खिलाड़ी, युवा, कलाकार, पत्रकार, किसान और बलिदानियों की विधवाओं को रेल किराए में मिलने वाली छूट बहाल करने की मांग की है। सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार ने कोरोना का हवाला देकर यह छूट बंद की थी। तब कहा गया था कि बुजुर्गों को बेवजह सफर करने से रोकने के लिए रियायत बंद की गई है। जबकि इस अवधि में करीब चार करोड़ बुजुर्गों को मजबूर होकर यात्रा के लिए पूरा किराया चुकाना पड़ा। यह उनके साथ धोखेबाजी है।

उन्होंने कहा कि रेलवे ने लगभग 92 प्रतिशत गाड़ियां फिर से शुरू कर दी हैं, पर राहत देने के मामले में लाकडाउन जैसी पाबंदी लगा रखी है। यह ऐसा समय है जब हर कोई आर्थिक संकट से जूझ रहा है। अन्य लोगों को भी ऐसे ही मिल रही छूट वापस ले ली गई है। सिंह ने कहा कि रेल किराए में दी जा रही रियायत को बंद करने का कोई औचित्य नहीं था। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव संसद में कह चुके हैं कि फिलहाल रियायतों को बहाल करने का कोई प्रस्ताव नहीं है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से आग्रह है कि रेल किराए में छूट देने के पीछे छिपी भावनाओं की कद्र करते हुए उन्हें फिर से लागू किया जाए।

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