सतना, भास्कर हिंदी न्यूज़/ सतना जिले में लगातार खाद्यान्न की कालाबाजारी के प्रकरण सामने आ रहे हैं। हद तो यह कि यहां उत्तर प्रदेश से अवैध रूप से शासकीय धान सतना की मंडियों में बिकने के लिए लाई जा रही है। यहां बीते वर्ष भी रबी के सीजन में गेंहू की कालाबाजारी और अवैध बिक्री धड़ल्ले से की गई थी। लेकिन इस वर्ष भी समर्थन मूल्य पर धान की खरीदी शुरू होने के मद्देनजर एक बार फिर अवैध रूप से उप्र की धान महंगे दामों में सतना की मंडियों में खपाने की पुरजोर कोशिश की जा रही है।
रविवार को कलेक्टर सतना अजय कटेसरिया के निर्देशन पर अमरपाटन में प्रशासन ने कार्रवाई कर उत्तर प्रदेश से आई एक ट्रक धान को पकड़ा है। यह कार्रवाई एसडीएम अमरपाटन के.के पांडेय के मार्गदर्शन में तहसीलदार डॉ. शैलेंद्र शर्मा व राजस्व अमले द्वारा की गई है। इस दौरान धान की बोरियों से लदे उत्तर प्रदेश के ट्रक को भी प्रशासन की टीम ने धान सहित जब्त करते हुए कृषि उपज मंडी पर खड़ा करवा लिया गया है।इस मामले में उत्तर प्रदेश के ट्रक पर भी पुलिस कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं। ट्रक में लगभग पांच सौ बोरी अवैध धान होना बताई जा रही है।
शनिवार को गोदाम में मारा गया था छापा
बीते एक सप्ताह से लगातार उत्तर प्रदेश से अवध रूप से धान सतना की मंडियों में बिक्री के आने की सूचना मिल रही थी जिस पर शनिवार को अमरपाटन में रामेश्वर साहू नाम के व्यक्ति के गोदाम में रखी 15 सौ से अधिक उत्तर प्रदेश शासन की धान की बोरियां प्रशासन ने छापा मारकर जब्त की थीं। बताया जा रहा है कि यह धान बीते चार से पांच दिनों पहले तीन ट्रकों से उतरी थीं जिसकी लिए प्रशासन की टीम की नजर बनी हुई थी।यह कार्रवाई भी एसडीएम कमलेश कुमार पांडेय के निर्देशन पर तहसीलदार शैलेंद्र शर्मा द्वारा की गई थी।अब इस मामले में गोदाम संचालक रामेश्वर साहू के खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई करने प्रशासन ने प्रस्ताव बनाया है।
बताया जा रहा है कि धान के बिचौलिए चोरी छिपे उप्र की सस्ती धान मप्र में अधिक दाम पर ठिकाने लगाने की फिराक में रहते हैं।उत्तर प्रदेश की सीमा से लगे होने के कारण सतना में समर्थन मूल्य पर धान की खरीदी के समय प्रतिवर्ष उत्तर प्रदेश की धान चोरी-चिपके बिकने आती हैं।सीमाई जिला होने के कारण ट्रांसपोर्ट में भी खर्चा कम होता है इसलिए बिचौलिए सस्ते दाम में उप्र से अवैध रूप से धान लाकर सतना की मंडियों में बेच देते हैं। इसमें बड़े स्तर पर उत्तर प्रदेश की मंडियों और अधिकारियों की मिलीभगत से सब होता है।