Agri bills repealed pm modi announcement farmers feedback: digi desk/BHN/नई दिल्ली/ कृषि कानून वापसी: तीनों कृषि कानून वापस लेने की प्रधानमंत्री नरेंद्री मोदी की घोषणा के बाद रविवार को दिल्ली-हरियाणा स्थित सिंघु बॉर्डर पर संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) की बैठक हुई। बैठक में तय हुआ है कि किसान आंदोलन के आगे के कार्यक्रमों में कोई बदलाव नहीं किया जाएगा। यूपी में किसान पंचायत होगी, सीमा पर जमावड़ा जारी रहेगा और संसद के घेराव का भी कार्यक्रम पहले की तरह रहेगा।
अगली बैठक 27 नवंबर को होगी। इस बीच, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक खुली चिट्ठी लिखी जाएगी, जिसमें एमएमपी समेत अन्य मांगें पूरी करने के लिए कहा जाएगा। किसान अपने खिलाफ दर्ज मामले वापस लेने और मृत किसानों के परिजन को मुआवजा देने की मांग भी कर रहे हैं।
कलराज मिश्र और साक्षी महाराज के बयान बढ़ा सकते हैं अविश्वास
इस बीच, भाजपा के दिग्गज नेता रहे और वर्तमान में राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र के साथ ही भाजपा सांसद साक्षी महाराज ने ऐसी बातें कही हैं, जिनसे किसानों का सरकार के प्रति असंतोष बढ़ सकता है। बकौल कलराज मिश्र, ‘अभी समय अनुकूल नहीं था। किसान आंदोलन कर रहे थे। ऐसे में केंद्र सरकार ने कानून वापस लेकर बहुत अच्छा किया। जब हालात सुधरेंगे तो यह कानून फिर लाया जा सकता है।’ कलराज मिश्र ने यूपी के भदोही में मीडिया से बात करते हुए यह बयान दिया।
‘केंद्र सरकार का निर्णय सराहनीय है। कृषि कानून किसानों के हित में था। सरकार ने किसानों को समझाने की लगातार कोशिश की। फिर भी किसान आंदोलित थे और अड़े थे कि कानून वापस लिया जाए। अंत में सरकार को यह लगा कि कानून वापस ले लिया जाए। फिर आगे इस संबंध में कानून बनाने की जरुरत पड़ी तो दोबारा बनाया जाएगा। फिलहाल इसे वापस लिया जा रहा है।
भाजपा सांसद साक्षी महाराज ने भी कही थी ऐसी ही बात
इससे पहले भाजपा सांसद साक्षी महाराज ने कहा था, बिल बनते हैं, बिगड़ते और फिर वापस आ जाते हैं। कृषि कानून वापस लेकर पीएम ने मंच से पाकिस्तान जिंदाबाद, खालिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाने वालों के गलत मंसूबों पर पानी फेर दिया है। पीएम ने राष्ट्र और बिल दोनों में से राष्ट्र को चुना है। कानून वापस लेने के फैसले का यूपी चुनाव से कोई लेना देना नहीं है। यूपी में भाजपा तीन सौ से ज्यादा सीटें जीतेगी।