Mahakal Sawari 2021: digi desk/BHN/उज्जैन/ ज्योतिर्लिंग श्री महाकालेश्वर की तीसरी सवारी सोमवार को दो साल बाद अपने परंपरागत मार्ग से निकलेगी। इस खबर से पंडे-पुजारी, अफसर-जनप्रतिनिधि और क्षेत्रीय नागरिक काफी खुश हैं। उन्होंने सवारी का भव्य स्वागत करने की तैयारियां भी की हैं। याद रहे कि श्रावण-भादौ मास और कार्तिक-अगहन मास की पिछली सवारियां कोविड-19 गाइडलाइन की वजह से परिवर्तित मार्ग महाकाल मंदिर से बड़ा गणेश मंदिर, हरसिद्धि मंदिर, सिद्ध आश्रम होकर निकाली गई थी।
श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति के प्रशासक गणेश धाकड़ और एडीएम संतोष टेगौर ने बताया कि राज्य शासन ने कोविड-19 संबंधी सारे प्रतिबंध समाप्त कर दिए हैं। इसलिए महाकालेश्वर की सवारी अब पूरे राजसी ठाठ-बाठ के साथ परंपरागत मार्ग से निकाली जाएगी।
शाम चार बजे महाकाल मंदिर के सभामंडप में चंद्रमौलेश्वर स्वरूप में भगवान महाकाल का विधिवत पूजन किया जाएगा। पूजन उपरांत भगवान को रजत पालकी में विराजित कर नगर भ्रमण कराया जाएगा। सवारी मंदिर से गुदरी चौराहा, बक्षी बाजार, कहारवाड़ी के रास्ते रामघाट पहुंचेगी।
वहां मोक्षदायिनी शिप्रा नदी के जल से राजाधिराज का अभिषेक किया जाएगा। पश्चात सवारी गणगौर दरवाजा, मोढ की धर्मशाला, कार्तिक चौक, खाती का मंदिर, सत्यनारायण मंदिर, ढाबा रोड, टंकी चौराहा, छत्री चौक, गोपाल मंदिर, पटनी बाजार, गुदरी बाजार, होकर पुन: महाकाल मंदिर पहुंचेगी। सवारी में आगे तोपची, कडाबीन, पुलिस बैंड, घुडसवार दल, सशस्त्र पुलिस बल के जवान नगरवासियों को राजाधिराज के आगमन की सूचना देते चलेंगे।
मार्ग के गड्ढे भरवाए, बैरिकेड लगवाए
सवारी मार्ग पर नगर निगम और लोक निर्माण विभाग ने रविवार को गड्ढे भर पैचवर्क किया और बैरिकेड्स लगवाए। बंद स्ट्रीट लाइट दुरुस्त कराई। स्वास्थ्य उपायुक्त को निर्देशित किया गया कि वे सुनिश्चित करें कि सवारी के दौरान या उसके पहले सवारी मार्ग में कोई मवेशी न आए। एडीएम संतोष टेगौर ने सभी व्यवस्थाओं का रविवार शाम मुआयना भी किया।
after two years on november 22 mahakal ride will come out from traditional route