बैतूल/जिले में पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के माध्यम से उड़दन गांव के हितग्राही सुभाष विश्वकर्मा के पीएम आवास का गृह प्रवेश प्रधानमंत्री से कराने का प्रयास किया गया था उसका निर्माण कर्ज लेकर किया गया है। यह खुलासा तब हुआ जब मकान बनाने के फेर में कर्जदार बनने के कारण सुभाष ने रविवार को जहर पीकर आत्महत्या का प्रयास कर डाला। गंभीर हालत में ग्रामीणों और परिजनों ने उसे उपचार के लिए जिला अस्पताल में भर्ती कराया है। परिजनों ने आरोप लगाया है कि जिन लोगों से भी मकान बनाने के लिए कर्ज लिया गया था उन्हें अब तक वापस नहीं कर पाए हैं और वे लगातार दी गई रकम वापस मांग रहे हैं। इससे परेशान होकर सुभाष ने अपनी जान देने का प्रयास किया है।
दरअसल बैतूल जनपद पंचायत के अंतर्गत आने वाले ग्राम उड़दन में निवास करने वाले सुभाष विश्वकर्मा की पत्नी सुशीला बाई के नाम पर प्रधानमंत्री आवास स्वीकृत किया गया था। इसके लिए मिले 1 लाख 20 हजार रुपये के अलावा करीब 2 लाख रुपये का सुभाष ने कर्ज लेकर दो मंजिला मकान बना लिया। मेहनत मजदूरी करने वाले सुभाष को यह उम्मीद थी कि वह कर्ज की समय पर अदायगी कर देगा लेकिन अब तक 2 लाख रुपये का कर्ज अदा नहीं कर पाया है।
2 लाख रुपये का है कर्ज
जिला अस्पताल में अपने पति को लेकर पहुंची सुशीला विश्वकर्मा ने बताया कि शासन से मिली राशि से मकान नहीं बन रहा था। इस कारण से पति ने अपने दोस्तों और अन्य लोगों से कर्ज ले लिया था। अब उसे वापस नहीं कर पाने से वे पिछले कई दिनों से परेशान चल रहे हैं। सुशीला ने बताया कि मकान बनाने के लिए कर्ज लेने की बात हमने सभी अफसरों को भी बताई थी।
सीइओ बोले-हमें नही पता
ग्राम उड़दन के सुभाष विश्वकर्मा के आवास को प्रदेश में सबसे बेहतर बताते हुए वाहवाही लूटने का प्रयास करने वाले अफसर अब मकान बनाने के लिए कर्ज लेने की जानकारी से ही इंकार कर रहे हैं। जिला पंचायत सीइओ एमएल त्यागी का कहना है कि कर्ज लिया है तो यह उनका व्यक्तिगत मामला है। हमें तो आवास अच्छा दिखा इस कारण से उसका चयन किया गया था। हितग्राही ने कभी हमसे कर्ज लेने के संबंध में कोई बात साझा नहीं की है।
मरणासन्न कथन के बाद स्थिति स्पष्ट होगी
काेतवाली टीआइ संतोष पंद्रे ने बताया कि उड़दन गांव के सुभाष विश्वकर्मा ने कोई अज्ञात जहरीला पदार्थ का सेवन कर लिया है। जिला अस्पताल में उसका उपचार चल रहा है। मरणासन्न कथन के लिए एसडीएम को तहरीर भेज दी गई है। बयान दर्ज होने के बाद ही पूरी स्थिति स्पष्ट होगी।