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UP: अयोध्‍या में श्रीराम की प्रतिमा का होगा सूर्य तिलक, जानिये कैसे किया जाता है

There will be surya tilak of shri rams statue in ayodhya know what it is: digi desk/BHN/अहमदाबाद/अयोध्या में बन रहे भव्य श्रीराम मंदिर में भगवान राम की प्रतिमा का सूर्य तिलक से अभिषेक होगा। राम मंदिर के वासतुकार सूर्य की गति व मार्ग की गणना कर इसकी तिथि – समय तय करेंगे।दुनिया में बहुत ही कम मंदिर ऐसे हैं जहां भगवान की प्रतिमा पर सूर्य किरण से सूर्यतिलक होता है अथवा के प्रतिमा के चरणों में सूर्य किरण आकर गिरती है। भगवान राम की जन्मस्थली अयोध्या में बन रहे राममंदिर को भव्यातिभव्य बनाने के लिए श्री रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट काफी प्रयास कर रहा है। मंदिर के आकार को बडा करने के साथ अब इसमें एक ओर यह आकर्षण जोड़ने पर विचार किया जा रहा है कि अयोध्या में निर्माणाधीन श्री रामजन्मभूमि मंदिर में भगवान श्रीराम की प्रतिमा का सूर्य की पहली किरण से सूर्यतिलक अभिषेक हो। मंदिर के निर्माण का काम देख रहे मुख्य वास्तुकार आशीष सोमपुरा बताते हैं कि सूर्य की गति की गणना करके सूर्यतिलक की तिथि व समय को लेकर शोध चल रहा है। चूंकि सूर्य गतिमान होता है तथा साल में सर्दी,गर्मी, बारिश कई मौसम होते हैं इसलिए पूरे साल भगवान की प्रतिमा पर सूर्य तिलक की संभावना नहीं है लेकिन साल में एक या इससे अधिक दिन जरूर सूर्य के अक्षांश को देखकर इसका निर्धारण किया जा सकता है।

सोमपुरा परिवार की ओर से निर्मित गांधीनगर के कोबा में बने गुरुमंदिर जैनतीर्थ में भगवान महावीर की प्रतिमा के ललाट पर प्रतिवर्ष 22 मई को दोपहर 2 बजकर 7 मिनट पर सूर्य तिलक होता है। जैन संत कैलाशसागर सूरीश्वर का 22 मई को दोपहर 2 बजकर 7 मिनट पर कालधर्म हुआ था इसलिए पदम सागर सूरीश्वर महाराज ने इस समय को सूर्यतिलक के लिए चुना, वर्ष 1987 से प्रतिवर्ष इस दिन सूर्यतिलक होता है। सूर्यकिरण जिनालय के शिखर से पार करते हुए भगवान महावीर के ललाट पर आकर सूर्यतिलक करती हैं।

कैसे लगता है सूर्य तिलक

अहमदाबाद के समरणगणाम आर्किटेक्ट के आशीष सोमपुरा बताते हैं कि मंदिर के शिखर से एक पाइप के जरिए सूर्यकिरण को गर्भ ग्रह में मौजूद भगवान की प्रतिमा तक लाया जाता है। यही सूर्यकिरण प्रतिमा के ललाट पर सूर्य तिलक लगाती हैं अथवा चरणों पर गिरती हैं। सोमपुरा बताते हैं कि सूर्य लगातार चलता रहता है इसलिए प्रतिदिन यह संभव नहीं है, उसकी गति व मार्ग की गणना कर विशेष दिन पर सूर्यतिलक का तय किया जाता है।

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