The life of the innocent was extinguished girl: digi desk/BHN/इंदौर/ बाणगंगा थाना क्षेत्र में शाम हुए दर्दनाक हादसे में चार साल की एक मासूम बच्ची की मौत हो गई। परिवार वालों ने छत पर तुलसी के पौधे के पास दीया जलाया था, उसी दिये से खेलते समय मासूम बच्ची के कपड़ों ने आग पकड़ ली। बच्ची को गंभीर जली हुई हालत में अस्पताल में भर्ती किया था, जहां उसकी मौत हो गई। इस सदमे के बाद दादा की भी मौत हो गई।
चाचा सुनील निसाड़ ने बताया कि मासूम बच्ची का नाम श्रुति पुत्री जितेंद्र निसाड़ निवासी महेश यादव नगर है। श्रुति के पिता-पिता प्लास्टिक फैक्ट्री में काम करते हैं। मां भी शाम को काम पर चली गई थी।घर में श्रुति के दादा सो रहे थे।वह शाम करीब 6 बजे छत पर लगे तुलसी के पौधे के पास जल रहे दिये से श्रुति खेल रही थी। दिये की वजह से उसके कपड़ों ने आग पकड़ ली।वह शोर मचाते हुए दादा के पास पहुंची। वह चिल्लाते हुए बोली दादा मेरे ऊपर पानी डालो मैं जल रही हूं। दादा नींद से उठे और आग बुझाई ।
परिवार के लोग श्रुति को निजी अस्पताल लेकर पहुंचे, वहां से एमवाय अस्पताल भेज दिया गया।यहां उसने पुलिस को बयान भी दिए और कहा कि दीपक से खेलते हुए वह जल गई, जब कपड़ों में आग लगी तो उसने छत पर लगे नल को चालू करने की भी कोशिश की लेकिन उसका हाथ नहीं पहुंचा। इसके बाद वह दादा के पास गई थी। 95 प्रतिशत झुलसी श्रुति ने करीब 6 घंटे इलाज के बाद दम तोड़ दिया। पुलिस ने मर्ग कायम कर बच्ची का बुधवार को पोस्टमार्टम कराकर शव स्वजनों को सौंप दिया।
पोती की मौत का सदमा बर्दाश्त नहीं कर सके दादा
श्रुति के दादा भागचंद के सामने ही पूरा घटनाक्रम हुआ। जली हुई हालत में जब पोती उनके सामने पहुंची तो उन्होंने बच्ची की आग बुझाई। बच्ची बार-बार कह रही थी दादा मेरे ऊपर पानी डालकर आग बुझाओ। दादा ने तुरंत आग बुझाई और उसके जले हुए कपड़े निकाले। घर के नीचे श्रुति का भाई गतिक और श्रुति की मौसी के कार्तिक और कृतिका भी खेल रहे थे। दोनों भागकर ऊपर आए और उन्होंने पड़ोसियों को आवाज दी और अस्पताल में भर्ती कराया। रात में श्रुति की मौत हो गई। दादा घर पर ही थे, शाम को बच्ची के अंतिम संस्कार के बाद दादा की अचानक तबियत बिगड़ी और सांस फूलने लगी। कुछ देर बाद दादा की भी मौत हो गई।