President gave permission now tribals in mp: digi desk/BHN/भोपाल/ मध्य प्रदेश में 15 अगस्त 2020 तक जिन आदिवासियों ने गैर लाइसेंसी साहूकारों से ऋण लिया है, वह उन्हें नहीं चुकाना पड़ेगा। इसके लिए शिवराज सरकार मध्य प्रदेश अनुसूचित जनजाति ऋण विमुक्ति अधिनियम और मध्य प्रदेश साहूकार अधिनियम में संशोधन कर चुकी है। अब राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने जनजातीय कार्य विभाग के अनुसूचित जनजाति साहूकार विनियम में संशोधन को अनुमति दे दी है।
इससे अनुसूचित क्षेत्र में पंजीकृत साहूकार भी मनमर्जी से ब्याज दर नहीं वसूल सकेंगे। सरकार जो दर तय करेगी, उससे अधिक दर पर ब्याज लेने पर सख्त कार्रवाई होगी। 15 नवंबर को भोपाल में जनजातीय गौरव दिवस पर आयोजित महासम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इस प्रविधान के मध्य प्रदेश के 89 आदिवासी विकासखंडों में लागू किए जाने की घोषणा करेंगे।
प्रदेश के अनुसूचित क्षेत्रों में गैर साहूकारों द्वारा आदिवासियों से मनमर्जी से ब्याज वसूलने, चल व अचल संपत्ति गिरवी रखने और उन पर कब्जा कर लेने की शिकायतों को देखते हुए सरकार ने इस पर रोक लगाने के लिए कानूनी प्रविधान करने का निर्णय किया था।
सबसे पहले अनुसूचित जनजाति ऋण विमुक्ति अधिनियम विधेयक राष्ट्रपति की अनुमति मिलने के बाद विधानसभा से पारित किया गया। इसमें 15 अगस्त 2020 तक गैर पंजीकृत साहूकारों द्वारा दिए गए ऋण को शून्य घोषित कर दिए गए। साथ ही यह प्रविधान भी किया गया कि जबरदस्ती इसकी वसूली की जाती है तो कानूनी कार्रवाई की जाएगी। इसके लिए अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) को अधिकार दिए गए।
यह व्यवस्था सिर्फ अनुसूचित क्षेत्रों के अनुसूचित जनजाति वर्ग के व्यक्तियों के लिए की गई थी। बाकी प्रदेश के लिए साहूकार अधिनियम में संशोधन किया गया और ब्याज तय करने का अधिकार सरकार ने अपने पास रखा है। साथ ही इसके उल्लंघन करने पर जुर्माना और कारावास की सजा का प्रविधान किया है। अनुसूचित क्षेत्रों में भी इस प्रविधान को लागू करने के लिए अनुसूचित जनजाति साहूकार विनियम 1972 में संशोधन किया गया है। इसका प्रस्ताव राष्ट्रपति को भेजा गया था, जिसे अनुमति मिल गई है। मुख्यमंत्री सचिवालय के वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इसे 15 नवंबर को लागू किए जाने की घोषणा करेंगे।