Aryan khan drugs case: digi desk/BHN /नई दिल्ली/अभिनेता शाह रुख खान के बेटे आर्यन खान से जुड़े ड्रग्स केस की जांच नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के जोनल डायरेक्टर समीर वानखेड़े नहीं करेंगे। अब इस मामले की जांच दिल्ली एनसीबी की टीम करेगी। जानकारी के अनुसार मुंबई क्रूज ड्रग्स केस समेत छह अन्य मामलों की जांच दिल्ली एनसीबी की टीम करेगी। वहीं समीर वानखेड़े एनसीबी के मुंबई जोनल निदेशक के रूप में काम करते रहेंगे। इस फैसले के बाद दिल्ली एनसीबी की एक टीम शनिवार को मुंबई पहुंच रही है। ये टीम आर्यन खान के मामले और 5 अन्य मामलों सहित मुंबई क्षेत्र के 6 मामलों की जांच करेगी।
एनसीबी दक्षिण-पश्चिमी क्षेत्र के उप महानिदेशक मुथा अशोक जैन ने कहा कि हमारे जोन के कुल 6 मामलों की अब दिल्ली की टीमें (एनसीबी की) जांच करेंगी, जिसमें आर्यन खान का मामला और 5 अन्य मामले शामिल हैं। यह एक प्रशासनिक निर्णय है। बता दें कि वानखेड़े पर भष्टाचार के आरोप हैं। वानखेड़े ने समाचार एजेंसी एएनआइ को बताया, ‘मुझे जांच से नहीं हटाया गया है। अदालत में मैंने रिट याचिका दायर करके मांग की थी कि मामले की जांच किसी केंद्रीय एजेंसी से कराई जाए। इसलिए आर्यन मामले और समीर खान मामले की जांच दिल्ली एनसीबी की एसआइटी कर रही है। दिल्ली और मुंबई की एनसीबी टीमों के बीच इस पर समन्वय है।’
NCB के सामने हाजिर हुए आर्यन खान
आर्यन खान शुक्रवार को दक्षिण मुंबई स्थित नार्कोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) के कार्यालय में हाजिरी लगाने पहुंचे। मुंबई उच्चन्यायालय की शर्तों के अनुसार उन्हें हर शुक्रवार को दोपहर में 11 बजे से दो बजे के बीच एनसीबी कार्यालय में हाजिरी लगानी है। क्रूज ड्रग मामले में दो अक्तूबर को एनसीबी द्वारा गिरफ्तार किए गए आर्यन खान को पिछले सप्ताह शुक्रवार को ही उच्चन्यायालय ने सशर्त जमानत दी थी। जमानत के लिए उच्चन्यायालय द्वारा लगाई गई 14 शर्तों में से एक शर्त साप्ताहिक हाजिरी की भी है। इसके अनुसार ही आर्यन आज दोपहर एनसीबी कार्यालय पहुंचे। उच्चन्यायालय की अन्य प्रमुख शर्तों के अनुसार आर्यन पुलिस को बताए बिना मुंबई नहीं छोड़ सकेंगे। जिन गतिविधियों में शामिल होने के कारण उन्हें गिरफ्तार किया गया, वैसी गतिविधियों में वह दुबारा शामिल नहीं होंगे। इस मामले में अपने सहआरोपितों से बातचीत नहीं करेंगे। सबूतों से छेड़छाड़ की कोशिश नहीं करेंगे, तथा अपने केस के संबंध में मीडिया से बातचीत नहीं करेंगे। इन शर्तों का पालन न करने पर एनसीबी उच्चन्यायालय से उनकी जमानत रद्द करने का अनुरोध कर सकती है।