Mahakal Diwali 2021: digi desk/BHN/उज्जैन/राजाधिराज भगवान महाकाल के आंगन में दीवाली गुरुवार तड़के भस्मारती के दौरान मनाई जाएगी। वस्तुत मंदिर में एक दिन पूर्व रूप चतुर्दशी के दिन दीपोत्सव का त्योहार मनाने की परंपरा रही है, मगर इस बार तिथि मतांतर के कारण पुजारियों ने गुरुवार को तड़के चार बजे भस्मारती में दीवाली मनाने का निर्णय लिया है।
परंपरा है कि महाकाल मंदिर में कार्तिक मास की अमावस्या से एक दिन पहले रूप चतुर्दशी पर दीपावली मनाई जाती है, लेकिन इस बार अमावस्या के दिन ही गुरुवार को तड़के भस्मारती के साथ दीपावली मनेगी। भस्मारती करने वाले पुजारी बाला गुरु ने बताया कि सुबह सूर्योदय के समय त्रयोदशी तिथि रहेगी, उसके उपरांत चतुर्दशी तिथि लगेगी। गुरुवार को सुबह सूर्योदय के समय चतुर्दशी तिथि रहेगी, उसके बाद अमावस्या रहेगी।
महाकाल मंदिर की परंपरा में चतुर्दशी को दीपावली मनाने व अन्नकूट लगाने की परंपरा है, इसलिए गुरुवार को सुबह चतुर्दशी के संयोग में दीपोत्सव मनाया जाएगा। सुबह चार बजे पुजारी परिवार की महिलाएं भगवान को उबटन लगाएंगी। इसके बाद भगवान को सुगंधित द्रव्य व गर्म जल से स्नान कराकर नवीन वस्त्र व आभूषण धारण कराकर श्रृंगार किया जाएगा। भगवान को अन्नकूट (छप्पन पकवानों) का भोग लगाकर फुलझड़ी से आरती की जाएगी।
धन त्रयोदशी पर महापूजा महाकाल मंदिर में मंगलवार से दीपोत्सव की शुरुआत हुई। पुरोहित समिति द्वारा महापूजा की गई। इधर, संध्या आरती में पुजारियों ने फुलझड़ी भी चलाई।