On dhanteras worship of lord dhanvantari kuber: digi desk/BHN/ धनतेरस के दिन आयुर्वेद के जनक भगवान धन्वंतरि की पूजा से निरोगी रहने का वरदान मिलता है। महालक्ष्मी और कुबेर की पूजा करने से धन, वैभव में बढ़ोतरी और परिवार में सुख-समृद्धि बढ़ती है।
पूजन का शुभ मुहूर्त- शाम 5 बजकर 25 मिनट से शाम 6 बजे तक। प्रदोष काल- शाम 05:39 से 20:14 बजे तक। वृषभ लग्न – शाम 06:51 से 20:47 तक। खरीदारी का शुभ मुहुर्त – सुबह 6 से रात 1 बजे तक
यमराज के नाम करें दीप प्रज्वलन
धनतेरस की शाम मृत्यु के देवता यमराज के नाम से दीप प्रज्वलन करने से अकाल मृत्यु नहीं होने की मान्यता है।
ऐसे करें पूजा
– मिट्टी का हाथी, भगवान धन्वंतरि की फोटो स्थापित करें।
– चांदी, तांबे से जल का आचमन करें।
– भगवान गणेश का ध्यान करें।
– हाथ में अक्षत-पुष्प लेकर भगवान धन्वंतरि का ध्यान करें।
मंत्र जाप
देवान कृशान सुरसंघनि पीडितांगान, दृष्टवां दयालुर मृतं विपरीतु काम:,
पायोधि मंथन विधौ प्रकटौ भवधो, धनवन्तरि: स भगवानवतात सदा न:,
ऊँ धनवन्तरि देवाय नम: ध्यानार्थे अक्षत पुष्पाणि समर्पयामि।
राशि अनुसार खरीदारी
मेष – चांदी, इलेक्ट्रानिक सामान
वृष – वस्त्र, चांदी, तांबा बर्तन
मिथुन – स्वर्ण आभूषण
कर्क – चांदी सिक्का, घरेलू वस्तु
सिंह – स्वर्ण आभूषण, तांबा, कांसा बर्तन
कन्या – भगवान गणेश की चांदी की मूर्ति
तुला – चांदी बर्तन, सिक्का, स्वर्ण आभूषण
वृश्चिक – उपकरण, स्वर्ण आभूषण
धनु – सोना-चांदी का सिक्का, आभूषण
मकर – वाहन, वस्त्र, चांदी के आभूषण
कुंभ – घरेलू वस्तुएं, सोना, चांदी, उपकरण, वाहन
मीन – उपकरण, सोना, चांदी के आभूषण, तांबा बर्तन धनतेरस पर भगवान धन्वंतरि, कुबेर-लक्ष्मी की पूजा से बढ़ेगी सुख-समृद्धि