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Indian Army: चीन सीमा पर भारत ने की घेराबंदी, अरुणाचल प्रदेश में एलएसी पर तैनात की विमानभेदी एम-777 और बोफोर्स तोपें

Indian army deployed bofors guns in a forward area along the lac in arunachal pradesh: digi desk/BHN/तवांग/ भारत और चीन के बीच तलवारें खिंच चुकी हैं। पूर्वी लद्दाख और उत्तराखंड के बाद अब अरुणाचल प्रदेश से लगने वाली सीमा पर मोर्चेबंदी शुरू हो गई है। चीन की ओर से तैयारियों को देखते हुए भारत ने वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के नजदीक के पहाड़ों पर अत्याधुनिक एल 70 विमानभेदी तोपें तैनात कर दी हैं। यह तैनाती इलाके में की गई 40 किलोमीटर की दूरी तक मार करने वालीं एम-777 हावित्जर तोपों और स्वीडन की बोफोर्स तोपों के अतिरिक्त की गई है। इस लिहाज से भारत ने भी चीन सीमा पर अपना मोर्चा सजा लिया है।

किसी भी हमले का दिया जाएगा मुंहतोड़ जवाब

चीन से लगने वाली सीमा पर एम-777 अल्ट्रालाइट हावित्जर तोपों की तैनाती के बाद ये तोपें लगाई गई हैं। सीमा पार चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) की गतिविधियों को देखते हुए एल 70 विमानभेदी तोपों की तैनाती दो महीने पहले ही की जा चुकी है। पूर्वी क्षेत्र में बोफोर्स तोपों की तैनाती भी पूरी हो चुकी है। इससे चीन की तरफ से होने वाले किसी भी हमले का मुंहतोड़ जवाब देने में भारत अब सक्षम हो गया है। सेना की तैनाती को बढ़ाने के लिहाज से सड़कों, पुलों और सुरंगों की भी मरम्मत कर उन्हें तैयार किया जा रहा है।

सैनिकों को दी जा रही ट्रेनिंग 

इतना ही नहीं पर्वतीय इलाकों की जरूरतों के हिसाब से सैनिकों को प्रशिक्षण देकर उन्हें तैयार किया जा रहा है। ज्यादा ऊंचाई वाले स्थानों पर कम तापमान और कम आक्सीजन के बीच कैसे रहा और युद्ध किया जा सकता है, इसके लिए सैनिकों का नियमित प्रशिक्षण चल रहा है। सैनिकों को आगे बढ़ते हुए कैसे दुश्मन के हमलों से बचना है, उनका जवाब देना है और उनके इलाके पर हमला बोलना है, इसका प्रशिक्षण भी तेज कर दिया गया है। वायुसेना के साथ मिलकर बचाव और हमले की रणनीति को अंतिम रूप दिया जा रहा है।

खास कैमरों, रडार से लैस है एल 70 तोप

सेना के अधिकारियों के अनुसार एल 70 तोपों की तैनाती खास पहाड़ों पर की गई है जिससे देश में घुसने वाले दुश्मन के विमानों, हेलीकाप्टरों और ड्रोन को नुकसान पहुंचाने से पहले ही मार गिराया जा सके। सेना की हवाई सुरक्षा इकाई की कैप्टन सरिया अब्बासी के अनुसार ये विमानभेदी तोपें अपना लक्ष्य खोजकर उस पर गोला दागती हैं। सभी तरह के मौसम में काम करने वाली ये तोपें इलेक्ट्रो-आप्टिकल सेंसर से लैस हैं और टेलीविजन कैमरे व थर्मल इमेजिंग कैमरे से लैस हैं। ये उच्च क्षमता वाले मजल वेलोसिटी रडार से भी लैस हैं। इनसे इनकी अचूक निशाना लगाने की क्षमता बढ़ जाती है।

विमानन विंग को भी किया मजबूत

सेना ने अपनी विमानन विंग के एयर फायर पावर में हेरान आई ड्रोन, हथियारबंद अटैक हेलीकाप्टर रुद्र और ध्रुव की तैनाती की है। मालूम हो कि इस विंग में पहले से ही एविएशन विंग में बड़े पैमाने पर चीता हेलीकाप्टर तैनात थे। समाचार एजेंसी आइएएनएस ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि सेना (Indian Army) ने स्वदेशी हल्के हेलीकाप्टर ध्रुव के स्क्वाड्रन को भी एलएसी से लगे इलाकों में तैनात कर दिया है। यही नहीं किसी भी नापाक हरकत का मुंहतोड़ जवाब देने के लिए रुद्र लड़ाकू हेलीकाप्टरों का पहला स्क्वाड्रन भी तैयार किया जा चुका है।

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